विदेशी मदद पर रोक के लिए ट्रंप प्रशासन की सुप्रीम कोर्ट में अपील

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशासन ने विदेशी मदद की फंडिग पर रोक लगाने के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। इसके लिए ट्रंप प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में आपात अपील दाखिल की है। ये फंडिग वैश्विक स्वास्थ्य, एचआईवी और एड्स जैसे जरूरी कार्यक्रमों के लिए दी जा रही है।

मामले में न्याय विभाग ने कोर्ट में दलील दी है कि करीब 12 अरब डॉलर की रकम 30 सितंबर तक खर्च करनी होगी अगर निचली अदालतों के आदेश बने रहे। सरकार का कहना है कि एक जज के मार्च में दिए गए आदेश ने राष्ट्रपति और कांग्रेस के बीच चल रही बातचीत में अनुचित हस्तक्षेप किया है।

ट्रंप इसे बताते है फिजूलखर्ची
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप सरकार की ऐसी ही अपील को 5-4 के अंतर से खारिज कर दिया था, लेकिन अब कोर्ट ने कुछ अहम मामलों में सरकार के पक्ष में फैसले दिए हैं, जिससे उम्मीद बढ़ी है। इसमें कोई दोहराई नहीं है कि शुरुआत से ही राष्ट्रपति ट्रंप इस विदेशी मदद को फिजूलखर्ची बताते आए हैं। साथ ही ये भी कहते हैं कि यह फंडिग उनकी विदेश नीति से मेल नहीं खाती।

गैर-लाभकारी संगठनों ने भी दायक किया मुकदमा
हालांकि दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन के इस अपील के खिलाफ कई गैर-लाभकारी संगठनों ने कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। उनका कहना है कि फंडिंग रोकना कानून का उल्लंघन है और इससे कई जिंदगियां बचाने वाले अहम अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट बंद हो गए हैं। मामले में वकील लॉरेन बेटमेन ने कोर्ट से अपील की कि वह सरकार के इस तर्क को न माने कि आदेश मानने से सरकार को नुकसान होगा।

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