वजन कम करने में सहायक है कोको पाउडर, जानें इसके और भी फायदे

बात चाहे चॉकलेट या आइसक्रीम की हो या फिर चॉकलेट केक की, चॉकलेट के दीवाने आपको हर उम्र में मिलेंगे। लेकिन अपने वजन को लेकर संजीदा लोग चॉकलेट के सेवन को सही नहीं मानते। लेकिन क्या आप जानती हैं कि जिस कोको बीन्स से यह चॉकलेट बनायी जाती है, वह सेहत के लिहाज से काफी लाभदायक है? बहु उपयोगी चीजें हम सबको कुछ ज्यादा ही पसंद आती हैं। कोको पाउडर ऐसी ही एक सामग्री है। इस पाउडर के क्या-क्या हैं फायदे, यहां जानें:वजन कम करने में सहायक है कोको पाउडर, जानें इसके और भी फायदे

वजन कम करने में सहायक
विभिन्न शोधों द्वारा यह पता चला है कि आहार में मौजूद वसा को हमारा शरीर तेजी से ऊर्जा में बदलता है, जिससे मेटाबॉलिज्म की दर बढ़ जाती है। यदि लंबे समय तक शारीरिक श्रम न किया जाए तो शरीर में मौजूद वसा ऊर्जा में नहीं बदल पाती और वह फिर धीरे-धीरे चर्बी के रूप में शरीर में इकट्ठा होने लगती है। कोको पाउडर का आहार में नियमित सेवन भूख तो कम करता ही है, साथ ही शरीर में मौजूद वसा को तेजी से ऊर्जा में बदलने का कार्य भी करता है। 

पोषक तत्वों का भंडार है कोको पाउडर-दरअसल, कोको बीन्स को बेहद महीन पीसकर कोको पाउडर बनाया जाता है, जो बहुत से स्वादिष्ट व्यंजनों और चॉकलेट बनाने में काम आता है और अपने पोषक गुणों की वजह से सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है। कोको पाउडर में कैल्शियम, मिनरल्स, मैग्नीशियम, सोडियम, जिंक के अलावा कुछ खास किस्म  के फ्लैवोनॉइड्स पाये जाते हैं, जो सेहत के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। लगभग 2 चम्मच कोको पाउडर में मात्र 25 कैलोरी, 1.5 ग्राम फैट और 3.6 ग्राम फाइबर होता है। 

दांतों का भी है रक्षक
आमतौर पर यह माना जाता है कि चॉकलेट खाने से दांत खराब हो जाते हैं। बच्चों के मामले में तो मांएं विशेषकर सावधानी बरतती हैं। लेकिन क्या आप जानती हैं कि कोको पाउडर में कुछ ऐसे खास एंटी बैक्टीरियल और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो न केवल दांतों में सड़न पैदा होने से रोकते हैं, बल्कि दांतों की सेहत भी बनाए रखते हैं?

उच्च रक्तचाप में भी है मददगार
कोको पाउडर में मौजूद फ्लैवोनॉइड्स, रक्त में पाए जाने वाले नाइट्रिक ऑक्साइड के स्तर को सुधारते हैं। इससे रक्त वाहिकाएं ज्यादा बेहतर ढंग से काम कर पाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह ठीक रहता है और उच्च रक्तचाप की समस्या नहीं होती। विभिन्न शोध यह भी बताते हैं कि कोको पाउडर में मौजूद फ्लैवोनॉइड्स की मात्रा रक्तचाप को सामान्य कर 
देती है। 

दिल को भी रखे सेहतमंद
कोको पाउडर में कुछ ऐसे गुण भी पाये जाते हैं, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को घटाकर रक्त को हृदय तक बेहतर ढंग से पहुंचाने में मदद करते हैं। ऐसा इसमें मौजूद फ्लैवोनॉइड्स की वजह से हो पाता है। नतीजा हार्ट अटैक, स्ट्रोक और दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। 

तनाव को करे कम
इसकी एक शानदार खूबी यह भी है कि इसके सेवन से मूड भी 
बहुत अच्छा हो जाता है। दरअसल, इसमें कुछ ऐसे तत्व पाये जाते हैं, जो मस्तिष्क को सचेत और मूड को अच्छा बनाते हैं। इसके सेवन से खासतौर पर हमारे शरीर में सैरोटोनिन का स्तर बढ़ जाता है, जो तनाव को कम करने में बहुत मददगार होता है। 

अस्थमा को करे काबू
ऐसा माना जाता है कि कोको पाउडर अस्थमा से प्रभावित लोगों को विशेष रूप से लाभ पहुंचाता है, क्योंकि इसमें थियोफेलाइन और थियोब्र्रोमाइन नामक तत्व पाये जाते हैं, जो अस्थमा को रोकने का काम करते हैं। थियोब्रोमाइन, कैफीन की तरह काम करता है और अस्थमा में होने वाली लगातार खांसी से राहत दिलाता है। इसी प्रकार थियोफेलाइन, फेफड़ों को आराम पहुंचाता है और सांस लेना आसान बनाता है। 

कैंसर की रोकथाम में भी है कारगर
कई शोध ये भी बताते हैं कि कोको पाउडर के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और लिवर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों के खतरे को टाला जा सकता है। इसमें ऐसे फ्लैवोनॉइड्स की बहुत उच्च मात्रा पायी जाती है, जो कैंसर रोकने में बहुत कारगर होते हैं। इसलिए यह न केवल स्वस्थ सेल्स को सुरक्षित रखता है, बल्कि कैंसर को बढ़ने से भी रोकता है। 

कितना सेवन है जरूर
इस पाउडर में मौजूद पोषक तत्वों का पूरा फायदा लेने के लिए प्रतिदिन कम से कम 2.5 ग्राम हाई फ्लैवोनॉइड्स युक्त कोको पाउडर का सेवन करना चहिये। आप चाहें तो 10 ग्राम हाई फ्लैवोनॉइड्स डार्क चॉकलेट भी खा सकती हैं, जिसमें करीब 200 मिलिग्राम फ्लैवोनॉइड्स पाये जाते हैं, जो आपको सेहत की दृष्टि से फायदा पहुंचाते हैं। 

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