लोकसभा चुनाव में विजय श्री के लिए आडवाणी का आशीर्वाद चाहते हैं मोदी और शाह

2019 के आम चुनाव का बिगुल बज चुका है। प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के लिए यह चुनाव जहां करो या मरो जैसा है, वहीं विपक्ष के लिए अस्तित्व से जुड़ा है। इस महा समर में विजय श्री के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पार्टी के संस्थापक, भीष्मपितामह लालकृष्ण आडवाणी का आशीर्वाद चाहते हैं। आडवाणी के करीबी सूत्र के अनुसार पार्टी के मार्ग दर्शक मंडल के सबसे वरिष्ठ सदस्य से मिलने के लिए अनुकूल समय मांगा है।

प्राप्त सूचना के अनुसार अटल जी के बाद भाजपा के शीर्षस्थ मार्ग दर्शक, वरिष्ठ नेता आडवाणी हैं। आडवाणी ने 1984 के चुनाव में दो सीट पाने वाली भाजपा को नया चेहरा दिया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय के सिद्धांत और दर्शन पर खड़ी भाजपा को पार्टी विद द डिफरेंस का आधार दिया। इसे 1989 के आम चुनाव तक 84 सीट पर ले आए। सोमनाथ से अयोध्या तक राम मंदिर निर्माण आंदोलन को मुख्य आधार मानते हुए रथ यात्रा निकाली और इसी हिन्दुत्व, राष्ट्रवाद के रास्ते पर चलकर भाजपा को सत्ता के मुकाम तक पहुंचाने की रीढ़ बने। छह अप्रैल को भाजपा का स्थापना दिवस भी है और 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है। सूत्र बताते हैं कि ऐसे में प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष की आडवाणी से भेंट को समझा जा सकता है।

भाजपा मूल्यों और सिद्धांतो की पार्टी है

भाजपा मूल्यों और सिद्धांतों की पार्टी है। राष्ट्रवाद और भारतीय संस्कृति में विश्वास करती है। समझा जा रहा है कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष की आडवाणी से भेंट के बाद इसका एक सकारात्मक संदेश जाएगा। दूसरे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आडवाणी जी की परंपरागत सीट गांधीनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। इस क्रम में भी भाजपा अध्यक्ष का आशीर्वाद लेना अच्छा रहेगा। लोगों और कार्यकर्ताओं में बुजुर्गों का सम्मान कायम रहने का संदेश जाएगा और विपक्षी दलों, खासकर कांग्रेस के दुष्प्रचार को रोका जा सकेगा। बताते हैं आडवाणी जी प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष से अगले कुछ दिनों में मिल सकते हैं।

राजनाथ ने लिया था आशीर्वाद

2014 के लोकसभा चुनाव को याद कीजिए। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की सीट से तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को चुनाव लडऩे की घोषणा हुई। अटल जी का स्वास्थ ठीक नहीं था और उन्होंने चुनाव लडऩे में अनिच्छा जताई थी। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह अटल जी का आशीर्वाद लेने उनके आवास पर गए थे। आशीर्वाद लेने के बाद ही भाजपा अध्यक्ष ने लखनऊ से अपना नामांकन दाखिल किया और विजयश्री पाने में सफल रहे।

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