लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर अन्ना हजारे ने शुरू किया अनशन

वरिष्ठ समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति में देरी के खिलाफ बुधवार को महाराष्ट्र स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन पर बैठ गये हैं।लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर अन्ना हजारे ने शुरू किया अनशन

गौरतलब है कि अन्ना हजारे ने कहा कि उनका ये अनशन किसी व्यक्ति, पक्ष, पार्टी के विरुद्ध नहीं है। समाज और देश की भलाई के लिए मैं बार-बार आंदोलन करता हूं उसी प्रकार का ये आंदोलन है। अन्ना ने 28 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को लिखे पत्र में कहा है कि वह अहमदनगर जिले में स्थित अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन शुरू करेंगे।

बता दें कि पूर्व में अन्ना हजारे मोदी सरकार निशाना साध चुके हैं, उन्होंने कहा था कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून-2013 के संबंध संवैधानिक संस्थानों के निर्णय पर ध्यान नहीं दे रही है। यह एक तरह से देश को तानाशाही की तरफ ले जाने का संकेत है। हजारे ने कहा कि 2011 में पूरा देश केंद्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए उठ खड़ा हुआ था, जिसके बाद लोकपाल बिल पास हुआ था।

हजारे ने कहा कि वह 2014 में आए थे। उन्हें सिर्फ कानून लागू करना था, लेकिन पांच साल पूरे होने को हैं लेकिन छोटे-मोटे कारणों के चलते लोकपाल नियुक्ति में देरी होती चली गई। हजारे ने इसे बहानेबाजी बताते हुए कहा कि इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री को 32 पत्र लिखे, लेकिन किसी का जवाब नहीं आया। यही वजह है कि मैंने महात्मा गांधी की पुण्यतिथि 30 जनवरी से अपने गांव रालेगण सिद्धि में अनशन करने का फैसला लिया।

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