लखीमपुर खीरी में आवारा कुत्तों ने मानसिक बीमार महिला पर किया हमला

लखीमपुर खीरी के मितौली क्षेत्र से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां आवारा कुत्तों ने मानसिक बीमार महिला पर हमला कर दिया। कुत्तों ने उसे नोच-नोचकर मार डाला। ग्रामीण जब खेतों की तरफ गए तो महिला का शव देखा। उसके परिजनों को सूचना दी।

लखीमपुर खीरी के मितौली क्षेत्र के गांव पियरा में बुधवार को मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। घटना खेतों के पास हुई, जहां उस वक्त कोई नहीं था और कुत्तों ने महिला को नोचकर मार डाला। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम करवाने से मना करते हुए महिला के शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।

बुधवार को गांव पियरा निवासी कैसरजहां (40) पत्नी स्व. रफीक सुबह चार से पांच बजे के बीच खेतों की तरफ जा रही थीं, तभी वहां पर मृत पड़े किसी जानवर को आवारा कुत्ते नोच-नोचकर खा रहे थे। बताते हैं कि जब कैसरजहां वहां पहुंचीं तो आवारा कुत्ते उनके ऊपर भी हमलावर हो गए। इससे वह वहीं पर गिर गईं और कुत्तों ने उन्हें नोच-नोचकर मार डाला। उस वक्त खेतों की ओर कोई था भी नहीं, जो कैसरजहां को बचा सकता।

ग्रामीणों ने बताया कि पति की मौत के बाद से कैसरजहां की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह गांव के पास स्थित झाले पर अपने मामा के यहां रहती थीं। कैसरजहां के एक बेटी शादान बेगम है, जिसकी शादी हो चुकी है।

हमलावर हो रहे कुत्ते, प्रशासन भी दे रहा दर्द
जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। सड़कों, गलियों और बाजारों में इनके झुंड घूमते नजर आ रहे हैं। कई जगह इनसे बच्चों और बुजुर्गों को काटने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कुत्तों के टीकाकरण व नसबंदी का काम नहीं कराया जा रहा है।

शहर में आवारा कुत्तों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही कुत्ते के काटने की घटनाएं भी बढ़ रही है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 80-100 मरीज एंटी रेबीज लगवाने के लिए पहुंच रहे हैं। इसके अलावा जिला महिला अस्पताल व सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं।

इसमें अधिकांश मरीज आवारा कुत्तों से शिकार होकर पहुंच रहे हैं। बुधवार को मितौली क्षेत्र की पियरा गांव निवासी कैसरजहां को आवारा कुत्तों ने नोचकर मौत के घाट उतार दिया। वहीं, लगातार बढ़ रही कुत्तों की संख्या पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

लोगों का कहना है कि नगर पालिका व पंचायतों को कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए नसबंदी अभियान चलाना चाहिए, ताकि घटनाओं को रोका जा सके। हालत ये हैं कि सुबह और शाम के समय कुत्तों के डर से सड़कों पर निकलने से बचते हैं। वहीं, डॉक्टरों का कहना है कि समय पर एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाना बेहद जरूरी है, वरना संक्रमण जानलेवा साबित हो सकता है।

बचाव
कुत्तों को छेड़ने या उकसाने से बचें।
डॉग बाइट होने पर तुरंत साबुन से घाव धोएं।
झाड़-फूंक में न पड़े।
नजदीकी अस्पताल में तुरंत एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगवाएं।

नगर पालिका के ईओ संजय कुमार ने कहा कि मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से वार्ता हो गई है। अभियान की तैयारी चल रही है। जल्द ही विशेषज्ञ बुलाकर अभियान चलाया जाएगा और कुत्तों का टीकाकरण कराया जाएगा।

सीवीओ डॉ. दिनेश सचान ने कहा कि कुत्तों की मीटिंग का समय चल रहा है। इसलिए वह आक्रामक हो रहे हैं। हमारे विभाग का काम सिर्फ इलाज करने का है। अगर नगर पालिका या नगर पंचायत मदद द्वारा मांगी जाएगी, तो कार्रवाई की जाएगी।

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