लखनऊ की महिला नायब तहसीलदार से हुई अभद्रता, एएसपी पर एफआईआर

लखनऊ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नगर निगम की नायब तहसीलदार कुमकुम मिश्रा ने एएसपी पर अभद्रता करने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई है।

नगर निगम की नायब तहसीलदार कुमकुम मिश्रा ने अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) वीरेंद्र कुमार के खिलाफ अभद्रता करने, धमकी देने और सरकारी काम में बाधा डालने की एफआईआर दर्ज कराई है। बिजनौर थाने में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

कुमकुम मिश्रा के अनुसार, 16 फरवरी को वह राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेश पर औरंगाबाद खालसा में ओमेक्स सिटी स्थित तालाब के पुनर्सृजन कार्य के निरीक्षण के लिए गई थीं। इसी दौरान ओमेक्स सिटी निवासी एडिशनल एसपी वीरेंद्र कुमार साथियों के साथ वहां पहुंचे और उनसे अभद्र व्यवहार किया।

आरोप है कि वीरेंद्र कुमार ने मोबाइल छीनकर करीब एक घंटे तक नायब तहसीलदार मिश्रा को बंधक बनाए रखा। विरोध करने पर गोली मारने की धमकी दी। गाड़ी में बैठकर लौटने लगीं तो गाड़ी का दरवाजा खोलकर रोका, फोटो खींची और वीडियो बनाया।

बिजनौर पुलिस के मौके पर पहुंचने के बाद उन्हें मुक्त किया गया। कुमकुम मिश्रा ने आरोपी पर आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने और सरकारी काम में बाधा डालने का आरोप लगाया है।

पुलिस को केस दर्ज करने में लग गए तीन महीने
विवाद 16 फरवरी को हुआ था। तहरीर उसी समय दी गई थी, लेकिन एफआईआर अब दर्ज हुई है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि जब नायब तहसीलदार को एफआईआर दर्ज कराने में तीन महीने से ज्यादा लग गए तो आम लोगों को कितनी मशक्कत करनी पड़ती होगी। इस पर डीसीपी दक्षिणी निपुण अग्रवाल का कहना है कि तहरीर मिलने के बाद प्रकरण की जांच एडीसीपी दक्षिणी से कराई गई। विस्तृत जांच के बाद एफआईआर के निर्देश दिए गए। इसके बाद मंगलवार को केस दर्ज हुआ। साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। आरोपी एडिशनल एसपी की मौजूदा तैनाती के बारे में पुलिस को कोई जानकारी नहीं है।

मुकदमा दर्ज, जांच जारी
पुलिस ने अपनी विवेचना में गवाहों से जानकारी लेने के बाद मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज करने में देरी की वजह जांच में समय लगना बताया गया है। -संजय यादव, संपत्ति प्रभारी नगर निगम

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