लंग डैमेज से जुड़े हो सकते हैं, सुबह दिखाई देने वाले ये 5 लक्षण

फेफड़ों में अगर किसी तरह की समस्या हो जाए, तो उसका वक्त पर पता लगाना बेहद जरूरी होता है। जब फेफड़ों को किसी तरह का नुकसान होता है, तो शरीर कुछ संकेतों के जरिए हमें आगाह करने की कोशिश करता है। इनमें कुछ संकेत ऐसे होते हैं, जो सुबह के समय दिखाई देते हैं। आइए जानें लंग डैमेज होने पर सुबह-सुबह शरीर में कैसे लक्षण दिखाई देते हैं और फेफड़ों को हेल्दी रखने के लिए हमें क्या करना चाहिए।
सांस लेने में तकलीफ
सुबह उठते ही सांस फूलना या सांस लेने में परेशानी होना लंग डैमेज का सबसे कॉमन संकेत है। रात भर आराम में रहने के बाद, जब हम सुबह उठते हैं और नॉर्मल एक्टिविटीज करते हैं, तो शरीर को अचानक ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। अगर फेफड़े ठीक से काम नहीं कर रहे हैं, तो वे इस मांग को पूरा नहीं कर पाते, जिससे सांस फूलने लगती है। यह लक्षण सीओपीडी, अस्थमा, फेफड़ों के फाइब्रोसिस या दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है।
सीने में जकड़न या दर्द
सुबह उठने पर सीने में भारीपन, जकड़न या हल्का दर्द महसूस होना फेफड़ों की समस्या की ओर इशारा करता है। यह जकड़न अक्सर विंड पाइप में सूजन या बलगम जमा होने के कारण होती है। रात भर लेटे रहने से बलगम फेफड़ों में इकट्ठा हो जाता है, जिससे सुबह उठते ही सांस की नलियों में रुकावट और दबाव महसूस होता है। यह लक्षण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या फेफड़ों में इन्फेक्शन का संकेत हो सकता है।
व्हीजिंग
व्हीजिंग का मतलब है सांस लेते या छोड़ते समय सीटी जैसी आवाज आना। यह आवाज तब पैदा होती है जब विंड पाइप सूजन के कारण संकरे हो जाते हैं और उनमें से हवा गुजरने में मुश्किल होती है। सुबह के समय यह आवाज इसलिए साफ सुनाई देती है, क्योंकि रातभर विंड पाइप में जमा बलगम और सूजन की वजह से नलियां और ज्यादा सिकुड़ जाती हैं। यह अस्थमा और सीओपीडी का एक प्रमुख लक्षण है।
लगातार खांसी और बलगम
सुबह उठते ही लगातार खांसी आना और पीले, हरे या सफेद रंग का बलगम निकलना फेफड़ों के लिए अच्छा संकेत नहीं है। रात भर फेफड़ों और विंड पाइप में जमा हुआ कफ, सुबह शरीर की नेचुरल डिटॉक्स प्रक्रिया के तहत खांसी के जरिए बाहर निकलता है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी, या फेफड़ों के इन्फेक्शन का लक्षण हो सकता है।
गला बैठना
अगर आपकी आवाज अक्सर सुबह उठते ही भारी या बैठी हुई लगती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह समस्या तब होती है जब फेफड़ों और विंड पाइप में जमा कफ वॉइस वॉक्स को प्रभावित करता है। लगातार खांसने से भी वोकल कॉर्ड्स में जलन होती है, जिससे आवाज में भारीपन आ जाता है।
हेल्दी फेफड़ों के लिए क्या करें?
अगर स्मोक करते हैं, तो तुरंत बंद कर दें, प्रदूषण से बचें, नियमित एक्सरसाइज करें और हेल्दी डाइट लें। योग और प्राणायाम भी फेफड़ों को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं।