रोमांचकारी लोगो के लिए खजाना है प्रकृति की गोद में बसा सोनपथरी

कलकल करते हुए झरनों का संगीत हो या फिर रात में आसमान में रोशन हुए दीपकों को देखने की बात। यहां सबकुछ रोमांचकारी है। हम बात कर रहे हैं भारत-नेपाल सीमा के पास ही बसे सोनपथरी आश्रम की। जहां आस्‍था के अलावा आश्रम के रहस्‍यों के बारे में जानने के लिए उत्‍सुक लोगों की भीड़ लगी रहती है। तो आइए जानते हैं सोनपथरी के बारे में कुछ और रोचक बातें…रहस्‍य और रोमांच का खजाना है प्रकृति की गोद में बसा सोनपथरी

ऐसे जाएं सोनपथरी
 
अगर आप बहराइच के आसपास रहते हैं तो आपको पहले भिनगा जाना होगा, इसके बाद भिनगा से सि‍रसिया और वहां से तकरीबन 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है सोनपथरी।

भोर होते ही कुछ नहीं दिखता
कहा जाता है कि यह आश्रम प्रसिद्ध संत सिद्धनाथ जी की तपोभूमि है। किवंदती है कि वह दिव्‍य और अलौकिक शक्तियों वाले थे। यहीं स्थित है वनदेवी। यह जगह काफी रहस्‍यमयी मानी जाती है। कहा जाता है कि यहां आज भी लोगों को रात में आसमान में तैरते हुए दीपक दिखाई देते हैं। हालांकि भोर होते ही ये कहां चले जाते हैं किसी को कुछ नहीं पता।

खूबसूरत वादिया
सोनपथरी आश्रम के पास ही प्रकृति की खूबसूरत वादिया हैं और हिमालय पर्वत भी यहां से नजर आता है। इसके अलावा कहा जाता है कि यहां मांगी गई मुराद जरूर पूरी होती है।

पापनाशिनी गंगा
सोनपथरी आश्रम के करीब से ही नदी बहती है। इसे पापनाशिनी गंगा के नाम से भी जाना जाता है। नदी में पड़े हुए बड़े-बड़े पत्‍थरों को देखना एक सुखद अनुभव देता है। अक्‍सर ही यहां आने वाले सैलानी इन पत्‍थरों पर बैठकर नदी के साथ कुछ वक्‍त बिताते नजर आते हैं।

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