रेलवे ने चीन को एक और बड़ा झटका देने की शरू कर दी तैयारी, कर सकता है ये बड़ा बदलाव…
बॉर्डर पर तनाव के बीच भारत चीन को एक और बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहा है। रेलवे अपनी खरीद प्रक्रिया में स्थानीय स्तर पर तैयार सामान को बढ़ावा देने के लिए एक उपबंध को शामिल करने की तैयारी कर रहा है, ताकि सरकार के मिशन आत्मनिर्भरत भारत को बढ़ावा दिया जा सके और स्थानीय विक्रेताओं व आपूर्तिकर्ताओं से अधिक बोलियां प्राप्त हों। रेलवे ने शनिवार को एक बयान में इसकी जानकारी दी।
बयान में कहा गया कि रेल मंत्रालय ने आवश्यकता पड़ने पर उपयुक्त नीति संशोधन करने के लिये उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से समर्थन मांगा है। बयान के अनुसार, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे के साथ-साथ भारत सरकार की खरीद प्रक्रिया में मेक इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा देने के कदमों की समीक्षा की।
बैठक के दौरान, गोयल ने भारतीय रेलवे के भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी खरीद वातावरण को लेकर उद्योग जगत में विश्वास पैदा करने के उपाय का आग्रह किया। खरीद प्रक्रिया में मेक इन इंडिया उत्पादों को बढ़ावा देने के कदमों की समीक्षा करते हुए, स्थानीय विक्रेताओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया।
बयान में कहा गया, खरीद में स्थानीय सामग्री का उपबंध ऐसा होना चाहिये, जिससे हम स्थानीय विक्रेताओं व आपूर्तिकर्ताओं से अधिक बोलियां प्राप्त कर सकें। इससे मिशन आत्मनिर्भर भारत को भी बढ़ावा मिलेगा। बयान के अनुसार, यह महसूस किया गया कि ऐसे विक्रेताओं को प्रोत्साहन दिए जाने की आवश्यकता है, जो स्थानीय स्तर पर निर्मित सामग्री की बेहतर आपूर्ति कर सकते हैं। इसके लिये बार-बार पूछे जाने वाले सवालों की प्रश्नोत्तरी (एफएक्यू) और एक हेल्पलाइन नंबर बनाने का सुझाव दिया गया, ताकि विक्रेताओं को खरीद प्रक्रिया से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर स्पष्टता मिल सके।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जेम) के जरिये खरीद के लिए उठाए गए कदमों तथा इनकी प्रगति के बारे में रेलवे बोर्ड के सदस्य (सामग्री प्रबंधन) द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया। गोयल ने दूरदराज के स्थानों और विशेष रूप से एमएसएमई के लिए बाजार खोलने के लिए सरकारी ई-मार्किटप्लेस (जेम) प्लेटफॉर्म पर लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की वस्तुओं और सेवाओं की खरीद करने की आवश्यकता पर जोर दिया। बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि रेलवे अपनी सभी गतिविधियों के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल सिंगल स्टेप वेंडर वेब आधारित इंटरफेस रखने की दिशा में अधिक काम करेगा।