रेल अफसरों की पत्नियां को कड़े निर्देश, अब ठाठ-बाट और पार्टियों पर खर्च छोडे

नई दिल्ली. रेलवे अफसरों की वीआईपी कल्चर पर कैंची चलने के बाद अब उनकी पत्नियों को भी ठाठ-बाट छोड़ने पड़ेंगे। रेलवे महिला कल्याण संगठन (आरडब्लूडब्लूओ) की अध्यक्ष अरुणिमा लोहानी ने संगठन सदस्यों को खर्चे घटाने की नसीहत दी है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्विनी लोहानी की पत्नी अरुणिमा ने 3 अक्टूबर को जारी एडवाइजरी में कहा, “संगठन की बैठकाें में फूलों से सजावट न करें।
– किसी को स्मृति चिह्न या उपहार देने, जन्मदिन या वर्षगांठ की पार्टी मनाने में संगठन का पैसा खर्च न करें। वालंटियर्स को सिर्फ रिटायरमेंट पर विदाई पार्टी दी जाए, तबादले पर नहीं।
– बैठकों में चाय-नाश्ते का खर्च ऑर्गेनाइजेशन की सब्स्क्रिप्शन से हुई कमाई से ही निकालें। अध्यक्ष, वरिष्ठ सदस्यों या कार्यकारी सदस्यों के मामले में स्मृति चिह्न पर दो हजार रु. से ज्यादा खर्च न करें।’
– संगठन के कामकाज से जुड़े सूत्रों के अनुसार खर्च घटाने के लिए पहली बार ऐसा पत्र जारी हुआ है। अभी तक पार्टियों पर काफी पैसा खर्च होता था।
– रेलवे में जोन और डिविजन के स्तर पर काम कर रहा यह संगठन रेलकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण से जुड़े कई काम करता है। यह क्रेच, स्कूल और ट्रेनिंग सेंटर भी चलाता है।
पदाधिकारियों की जवाबदेही भी होगी तय
– लोहानी ने आरडब्लूडब्लूओ की पदाधिकारियों की जवाबदेही भी तय करने की वकालत की है। उन्होंने कहा कि सब्स्क्रिप्शन से हुई कमाई बैंक खाते में जमा हो।
– रोजमर्रा के खर्च लायक ही रकम बैंक से निकाली जाए। खजांची और सचिव के पद पर तीन साल की नियुक्ति का नियम सख्ती से लागू करें।

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