राम मंदिर मुद्दा: विहिप व आरएसएस के निशाने पर मोदी सरकार, चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। एक बार फिर राम मंदिर मुद्दा गर्मा गया है। मोदी सरकार विहिप व आरएसएस के निशाने पर है। जहां एक तरफ राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को लेकर अयोध्या पहुंचे अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। तोगड़िया ने मंगलवार को नई राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। पार्टी का नाम अंतरराष्ट्रीय जनता पार्टी रखा गया है। नई पार्टी के ऐलान के साथ ही तोगड़िया ने लोकसभा चुनाव लड़ने और सरकार बनने के तीन महीने के भीतर राम मंदिर के निर्माण का भी दावा किया है।
वहीं दूसरी अोर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघ चालक मोहन भागवत की ओर से मंदिर निर्माण के लिए केंद्र से प्रस्ताव बनाने की बात कहने के बाद अब संघ इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। यह काम विश्व हिंदू परिषद के 50 लाख कार्यकर्ताओं के जरिए करने की तैयारी शुरू हो गई है।
कहा जा रहा है कि मोदी चेहरे का आकर्षण कम होने की वजह से लोकसभा 2019 का पूरा जिम्मा इस बार संघ ने उठा लिया है। इसी कड़ी में मंदिर आंदोलन का मुद्दा आगे किया जा रहा है। दशहरे के दिन संघ प्रमुख का मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए भाषण को स्वयंसेवकों ने लकीर मान लिया है।
1 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में विहिप के कार्यकर्ता पीएम मोदी और उस क्षेत्र के सांसद को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे। ज्ञापन में अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए लोकसभा में प्रस्ताव पारित कराने की मांग की जाएगी। इस आंदोलन की पहली तैयारी बैठक 30 सितंबर को कानपुर में होगी। इसमें विहिप के कानपुर प्रांत के सभी पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता शामिल होंगे।
महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा
कानपुर प्रांत के तहत सूबे के 21 जिले आते हैं। इस आंदोलन से महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए 28 और 29 जनवरी को प्रयागराज में संघ की साध्वी परिषद की बैठक होगी।