राम जल सेतु लिंक परियोजना से बुझेगी राजस्थान के 17 जिलों की प्यास

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा है कि राम जल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक) राजस्थान में ऐतिहासिक और दूरदर्शी कदम साबित होगी। राम जल सेतु लिंक परियोजना से राजस्थान के 17 जिलों की प्यास बुझेगी। साथ ही इन जिलों में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास होगा।

मंत्री रावत ने मंगलवार को परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि प्रगति, गुणवत्ता और समयबद्धता पर सतत निगरानी रखी जा सके।

14600 करोड़ की लागत से होंगे 5 प्रमुख कार्य

बैठक में प्रदेश की पेयजल आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पांच प्रमुख कार्यों की समीक्षा की गई। इन कार्यों के लिए एलओए जारी किए जा चुके हैं।

1. ईसरदा से रामगढ़ बांध (जयपुर) तक फीडर निर्माण

2. ईसरदा से खुरा चैनपुरा से बंध बरेठा (भरतपुर) तक फीडर

3. मोरसागर कृत्रिम जलाशय का निर्माण

4. बीसलपुर से मोरसागर तक फीडर निर्माण

5. खुरा चैनपुरा से जयसमंद (अलवर) तक फीडर एवं ब्राह्मणी बैराज निर्माण

9500 करोड़ के कार्यों की स्थिति पर भी चर्चा

बैठक में रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनेरा पंप हाउस, चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट, और मेज एनीकट सहित लगभग 9500 करोड़ रुपए के कार्यों की स्थिति पर भी चर्चा हुई। बैठक में आरडब्ल्यूजीसीएल (ईआरसीपी) के प्रबंध निदेशक रवि सोलंकी, सीजीएम राकेश कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

राजस्थान के इन जिलों में पहुंचेगा पानी

राम जल सेतु लिंक परियोजना से राजस्थान के 17 जिलों को पानी मिलेगा। जिनमें राजधानी जयपुर सहित झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, अजमेर, ब्यावर और टोंक जिला शामिल है।

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