राजस्थान: सरिस्का से खुशखबरी St 30 ने तीन शावकों को दिया जन्म, कैमरे में कैद हुए शावक

सरिस्का बाघ अभयारण्य में बाघिन एसटी-30 ने तीन शावकों को जन्म दिया है। वन विभाग के अधिकारी लगातार एसटी-30 और उसके शावकों की निगरानी कर रहे हैं। बाघों की विलुप्त हो चुकी आबादी को फिर से पनपाने के लिए एसटी-30 को रणथंभौर से यहां शिफ्ट किया गया था।
राजस्थान के सरिस्का बाघ अभयारण्य से वन्य जीव प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर आई है। यहां बाघिन एसटी-30 ने तीन शावकों को जन्म दिया है। वन विभाग के अधिकारियों को एसटी-30 अपने तीन शावकों के साथ नजर आई है। सरिस्का में बाघों की आबादी को फिर से स्थापित करने के लिहाज से तीन शावकों का जन्म मील का पत्थर माना जा रहा है। अवैध शिकार के चलते सरिस्का में एक वक्त पर बाघों की आबादी पूरी तरह से खत्म हो गई थी। इसके बाद बाघ पुनर्वास कार्यक्रम के तहत यहां रणथंभौर से बाघों को शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया।
जानकारी के मुताबिक, बाघिन एसटी-30 भी रणथंभौर से यहां 2023 में ही शिफ्ट की गई थी। यहां इसे टहला रेंज के बघानी एरिया में छोड़ा गया था। अब बाघिन की सफल ब्रीडिंग ने टाइगर कंजरवेशन अथॉरिटी के अफसरों के चेहरों पर खुशी ला दी है। वन विभाग के अधिकारियों ने बाघिन और उसके शावकों की मॉनिटरिंग भी बढ़ा दी है। इधर, वन मंत्री संजय शर्मा ने भी शावकों के जन्म पर वन प्रेमियों को बधाई दी है।
इसके साथ ही सरिस्का में बाघों की आबादी बढ़कर 45 हो गई है। इनमें से 21 शावक बताए जा रहे हैं। बाघिन एसटी-30 अपने शावकों के साथ कैमरे में भी कैद हुई है। गौरतलब है कि रणथंभौर में भी बाघिन आरबीटी-2313 ने दो शावकों को जन्म दिया है। ये दोनों शावक भी सोमवार सुबह कैमरे में कैद हुए।