राजस्थान: भजनलाल सरकार के मंत्री सुरेश सिंह का बड़ा बयान

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस के समय सरकार की शह पर धर्मांतरण होता था यह किसी से छिपा नहीं है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व कांग्रेस धर्मांतरण में लिप्त अपराधियों को आश्रय देते थे। हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र का एक मुस्लिम युवक नेछवा थाने के पटोदा गांव की दलित युवती को बहला फुसला कर भगा ले गया। इस तरह से खुलेआम कृत्य होने से ऐसा लगता है डोटासरा ने धर्मांतरण की खुली छूट दी है। लेकिन अब सरकार धर्मांतरण करने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगी।
अजमेर सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में जल संसाधन मंत्री रावत ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान चतुर्थ सत्र में धर्मांतरण के विरुद्ध विधानसभा में बिल पास हुआ। जहां-जहां भी जबरन धर्म परिवर्तन के मामले सरकार के संज्ञान में आए वहां त्वरित कार्रवाई की। धर्मांतरण के खिलाफ बिल लाने की सरकार को आवश्यकता इसलिए पड़ी कि लंबे समय तक राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रही, तब धर्मांतरण के मामले बढ़े।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के विधानसभा क्षेत्र में धर्मांतरण के मामले पर कसा तंज
हाल ही में कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष डोटासरा की विधानसभा लक्ष्मणगढ़ में एक मुस्लिम युवक नेछवा थाने के पटोदा गांव की दलित युवती को बहला फुसलाकर भगा ले गया। पुलिस में प्रकरण दर्ज है और पुलिस कार्रवाई कर रही है। उनकी विधानसभा में इस तरह से खुलेआम कृत्य होने से ऐसा लगता है डोटासरा ने धर्मांतरण की खुली छूट दी है। एक धर्म विशेष की ओर से जबरन धर्मांतरण की मंशा अब नहीं चलने वाली है। ऐसी संस्था कोई कृत्य करती है तो दंड दिया जाएगा। कांग्रेस के लोग जो शह दे रहे हैं, उन्हें चेताना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार व उनके नेतृत्व में धर्मांतरण का बिल राजस्थान में पास हो चुका है। इस तरह के कृत्य को अंजाम देने वाले लोगों को किसी भी तरह से बक्शा नहीं जाएगा। उनके पास दो ही विकल्प है या तो जेल जाएं या राज्य से बाहर चले जाएं। धर्मांतरण कराने वालों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलेगा। अजमेर में ऐसा मामला कहां दर्ज हुआ है।
धर्मांतरण मामलों में सजा के यह रखे प्रावधान
अवैध धर्मांतरण पर न्यूनतम 7 वर्ष और अधिकतम 14 वर्ष कारावास और 5 लाख जुर्माना का प्रावधान रखा गया है। इस कानून में गैर जमानती धाराओं का प्रावधान किया गया है।नाबालिग, दिव्यांग, महिला, एससी एसटी पीड़ित के विरुद्ध अपराध करने पर न्यूनतम 10 वर्ष व अधिकतम 20 वर्ष कारावास एवं न्यूनतम 10 लाख के जुर्माने व कारावास का प्रावधान रखा गया है। सामूहिक धर्म परिवर्तन पर न्यूनतम 20 वर्ष और अधिकतम 25 लाख रुपए का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है।





