राजस्थान के बड़े अस्पतालों में लागू होगा नया फीडबैक सिस्टम

राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं में अहम बदलाव लाने के मकसद से स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी बड़े अस्पतालों में फीडबैक सिस्टम लागू करने का निर्णय लिया है। इसमें मरीज और उनके परिजन अस्पताल में मिलने वाली सेवाओं पर अपनी राय देंगे, जिसके आधार पर व्यवस्थाओं में सुधार किया जाएगा। इस सिस्टम की नियमित मॉनिटरिंग उच्च स्तर से की जाएगी।

चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव गायत्री राठौड़ ने इसके निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मंगलवार को जेके लोन अस्पताल का औचक निरीक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि सरकार मरीज-हित में अस्पतालों को पेशेंट फ्रेंडली बनाना चाहती है। मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में फीडबैक सिस्टम पहले चरण में अनिवार्य रूप से लागू किया जा रहा है, ताकि मरीजों की वास्तविक समस्याएं सामने आ सकें और उनके आधार पर त्वरित सुधार हो सके।

जेके लोन अस्पताल में मरीजों से बात करते हुए प्रमुख सचिव-

गंभीर मरीजों की सर्वाइवल रेट बढ़ाने के निर्देश

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अस्पताल के मानव संसाधन, दवा वितरण, जांच सुविधाओं और सुपर स्पेशलिटी सेवाओं की समीक्षा की। राठौड़ ने कहा कि आईसीयू और सुपर स्पेशलिटी में भर्ती गंभीर मरीजों की सर्वाइवल रेट को उच्चतम स्तर तक बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं।

राठौड़ ने पीआईसीयू, एनआईसीयू, कैथ लैब, सामान्य वार्ड और दवा काउंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को कोई भी दवा बाहर से खरीदनी न पड़े। राज्य सरकार पूरी तरह निशुल्क उपचार उपलब्ध करा रही है, इसलिए सभी दवाएं अस्पताल से ही दी जाएं।

स्टॉफ बढ़ाने एवं अस्पताल विस्तार के लिए बनेगा प्लान
प्रमुख सचिव ने अस्पताल में रोगी भार की स्थिति को देखते हुए अस्पताल के विस्तार एवं रोगियों की संख्या के अनुपात में स्टॉफ की संख्या को बढ़ाने का प्लान तैयार कर भिजवाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि मानव संसाधन की कमी को शीघ्र दूर किया जाएगा, ताकि यहां उपलब्ध सुविधाओं का अधिकतम उपयोग हो और अधिकाधिक रोगियों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिलें। उन्होंने अस्पताल में नवनिर्मित सीवीटीएस इकाई को पूरी तरह ऑपरेशनल करने के भी निर्देश दिए।

एसएमएस इमरजेंसी में गंभीर एवं सामान्य रोगियों के लिए उपचार की अलग-अलग व्यवस्था शुरू
सवाई मानसिंह अस्पताल के प्रधानाचार्य डाॅ. दीपक माहेश्वरी ने बताया कि हाल ही प्रमुख सचिव द्वारा एसएमएस अस्पताल के निरीक्षण के दौरान दिए गए निर्देशों की अनुपालना में आपातकालीन इकाई में गंभीर एवं सामान्य रोगियों के लिए उपचार की अलग-अलग व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर दी गई हैं। इमजरेंसी में आने वाले सामान्य रोगियों को देखने के लिए अलग से चिकित्सक नियोजित कर दिए गए हैं, ताकि गंभीर रोगियों को त्वरित एवं बेहतर उपचार मिल सके।

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