राजस्थान SI भर्ती विवाद: कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल बोले- समीक्षा हो गई…

राजस्थान में एसआई भर्ती 2021 को लेकर मंगलवार को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई। बैठक में सब कमेटी के संयोजक और कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल, मंत्री जवाहर सिंह बेड़म, बाबूलाल खराड़ी और मंजू बाघमार उपस्थित रहे। जबकि कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और सुमित गोदारा वीडियो कांफ्रेंस के जरिए ऑनलाइन इस बैठक से जुड़े।

उम्मीद थी कि पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले इस सब कमेटी की बैठक के जरिए सरकार कोई बड़ा फैसला लेगी। लेकिन कमेटी के संयोजक कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने जैसा बताया, उससे मामला एक बार फिर टलता नजर आ रहा है।

जोगाराम पटेल ने कहा कि सब कमेटी पहले ही इस मामले में अपनी रिपोर्ट सरकार को दे चुकी थी। लेकिन जांच एजेंसियों और गृह विभाग ने इस मामले में और तथ्यात्मक विवरण इकट्ठे किए। हमारे विधि विभाग, आरपीएससी और गृह विभाग ने भी इस मामले में गहनता से अध्ययन किया और तथ्य इकट्ठे किए। सरकार का यह निर्देश था कि मंत्रिमंडलीय उपसमिति फिर से इन सब की समीक्षा करे। फिर सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजे ताकि उस रिपोर्ट पर विचार सरकार अपना निर्णय ले सके।

उन्होंने कहा कि आज की हमारी बैठक में हमने जांच एजेंसी ने जितनी भी जांच की, उसकी समीक्षा हमारे समक्ष पेश की। गृह एवं विधि विभाग ने भी अब तक जो कार्रवाई की, उसकी रिपोर्ट हमारे सामने पेश की। अब हम अपनी समीक्षा रिपोर्ट सरकार को भेज देंगे। संभवतया इसकी और बैठकों की आवश्यकता नहीं रहेगी। बहुत आवश्यकता होती है तो इसकी और बैठक बुलाई जा सकती है। हाईकोर्ट की सुनवाई का विषय सरकार का है, हम अपनी रिपोर्ट जल्द ही सरकार को दे देंगे।

26 को हाईकोर्ट में सुनवाई
गौरतलब है कि एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले पर गुरुवार को हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। जस्टिस समीर जैन ने 26 मई की इस मामले में सुनवाई की तारीख देते हुए चेतावनी दी कि निर्णय नहीं हुआ तो परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

इससे पहले राज्य सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता विज्ञान शाह ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर बताया कि राज्य सरकार ने इस मामले में 13 मई को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक बुलाई थी। लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के चलते युद्ध जैसे हालात बन गए, जिससे कई सदस्य इस बैठक में शामिल नहीं हो सके। साथ ही कोर्ट को बताया कि सरकार ने 21 मई को इस मामले को लेकर बैठक बुलाई है। लेकिन फिर इस बैठक को आज 20 मई को बुला लिया गया।

गौरतलब है कि इस भर्ती को लेकर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं। दावा किया गया कि पेपर लीक से करीब आठ लाख अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हुआ है। लेकिन चयनित अभ्यर्थियों के परिजन इस तर्क को पूरी तरह भ्रामक बता रहे हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि आठ लाख ने आवेदन जरूर किया था, मगर 4.25 लाख अभ्यर्थी तो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए। असल में सिर्फ 3.83 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठे थे। इनमें से सिर्फ 20 हजार ही फिजिकल और इंटरव्यू तक पहुंचे।

चयनित अभ्यर्थियों की दलील है कि 859 में से 436 अभ्यर्थी पहले से सरकारी सेवा में थे। इनमें से 236 ने प्रोबेशन पूरा होने से पहले ही नौकरी छोड़ दी। 40 ने केंद्रीय सेवाएं तक त्याग दीं, जबकि 135 ने तो दो या अधिक जगह चयनित होने के बावजूद एसआई पद को चुना। ऐसे में इनकी योग्यता को झूठे आरोपों के आधार पर दरकिनार करना अन्याय होगा।

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