योगी सरकार का नौकरी देने का वादा पूरा होने का इंतजार कर रहे लोग पढ़ें ये खबर
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भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान संकल्प-पत्र में वादा किया था कि वह सत्ता में आने के 90 दिनों के भीतर प्रदेश के सभी रिक्त पदों पर भर्ती शुरू कर देगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने रविवार को 70 दिन पूरे कर लिए।
इस बीच विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर भर्ती शुरू करने के वादे को लेकर ठोस कदम नजर नहीं आया है। जानकार बताते हैं कि भर्तियां शुरू करने के पहले सरकार को दो अहम काम करने हैं। पहला, समूह ‘ग’ व ‘घ’ के पदों की भर्ती में इंटरव्यू की व्यवस्था समाप्त करने का फैसला करना। इसके बाद ही भर्तियां शुरू की जा सकती हैं।
यह नीतिगत निर्णय है और नियमावली में इसका प्रावधान करना होगा, लिहाजा इस पर निर्णय कैबिनेट से होगा। अभी तक इस संबंध में कोई ठोस कार्यवाही नजर नहीं आई है।
आयोग की गतिविधियां ठप हैं। अध्यक्ष न होने की वजह से करीब 11 हजार से अधिक पदों के इंटरव्यू स्थगित हो गए हैं। निर्णय में देरी की वजह से सियासी गलियारों में यह चर्चा भी तेज है कि सरकार आयोग को भंग कर पहले की तरह भर्ती का अधिकार विभागों को दे सकती है। अनिर्णय की वजह से अभ्यर्थियों से लेकर विभागों तक में असमंजस का माहौल है।
इसी तरह उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब 1600 पदों की भर्ती प्रक्रिया ठप हो गई है। राज्य लोक सेवा आयोग और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की भर्ती से जुड़ी गतिविधियां भी लगभग ठप हैं।
कहीं लिखित परीक्षा हो गई तो इंटरव्यू फंस गया और कहीं इंटरव्यू हो गया तो रिजल्ट फंस गया। युवाओं की एक-एक दिन उम्र निकल रही है। उनके चांस कम होते जा रहे हैं। ऐसे में जो भर्ती की लिखित परीक्षा या इंटरव्यू दे चुके हैं लेकिन परिणाम नहीं आया है, वे सबसे ज्यादा परेशान हैं।
भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार ग्रेड-3 व ग्रेड-4 की सरकारी नौकरियों में संवैधानिक आरक्षण व्यवस्था का सम्मान करते हुए बिना जाति व धर्म के पक्षपात के भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए इंटरव्यू को समाप्त करेगी।
वादा-2
सरकार बनने के 90 दिनों के भीतर प्रदेश के सभी रिक्त सरकारी पदों के लिए पारदर्शी तरीके से भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।