ये है ISIS की पहली महिला आतंकी, अब यहाँ जी रही है ऐसो-आराम की जिंदगी

नई दिल्ली: कभी ISIS की सबसे पहली महिला आतंकी रहीं तानिया ज्योर्गेलास अब AMERICA के डलास शहर में अपने सास-ससुर के साथ एक शानदार लाईफ बिता रही हैं। 

हाल ही में एक ऑनलाईन मैगजीन को दिए इंटरव्यू में तानिया ने पति के साथ आईएस में शामिल होने से लेकर वापस अमेरिका लौटने तक की दास्तान सुनाई है। ऐसा कहा जाता है कि तानिया और उसका पति जॉन आईएस में शामिल होने वाले पहले अमेरिकी-ब्रिटिश नागरिकों में से थे।

 

कैसे बनी आतंकी:

33 साल की तानिया ब्रिटिश-बांग्लादेशी नागरिक नुरल और जहानारा चौधरी की पांच संतानों में से एक हैं। तानिया ने इंटरव्यू में बताया कि उन्हें काफी छोटी सी उम्र में ही नस्लीय वजहों से तंग किया जाने लगा था। इसके चलते उनके मन में लगातार गुस्सा भरने लगा था।  तानिया के मुताबिक, 11 सितंबर 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमलों के बाद उनको और उनके जैसे और बच्चों को स्कूल में काफी परेशान किया जाने लगा था।

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बस इसी के बाद से उनके मन में दूसरे धर्मों के लिए नफरत भरने लगी थी। कुछ सालों बाद अमेरिका के इराक पर हमलों का विरोध करने के दौरान उनको भीड़ में एक पर्चा दिया गया था। उस पर्चे में एक मुस्लिम डेटिंग वेबसाइट का एड्रेस दिया गया था। इस वेबसाइट से वो जॉन ज्योर्गेलास नाम के एक शख्स से मिलीं। डलास का रहने वाला जॉन एक कनवर्टेड मुस्लिम था।   

 

तानिया बताती हैं कि वो और जॉन हमेशा ही जिहाद और आतंक की बातें किया करते थे। उन्हें ये बातें इतनी पसंद आती थीं कि कई दिनों तक मिलने के बाद उन्हें एक-दूसरे से प्यार हो गया था। 2004 में तानिया और जॉन ने इंग्लैंड के गोथिक टाउन हॉल में शादी भी कर ली। शादी के दौरान तानिया तीन बच्चों के साथ प्रेग्नेंट थीं।

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2013 में जॉन के साथ सीरिया भागने से पहले तानिया मां बनने वाली थीं। हालांकि, इसके बावजूद जॉन और तानिया अपने तीनों बच्चों को लेकर आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया निकल गए।

 

बच्चों को बनाना चाहती थीं खूंखार आतंकी : 

तानिया के मुताबिक वो अपने बच्चों को भी खूंखार आतंकी बनाना चाहती थीं। इसी लिए वो बच्चों को सीरिया साथ ले गई थीं। सीरिया में जिस जगह तानिया और उनके बच्चों को रखा गया उस जगह पर ना तो खिड़की थी और ना ही साफ पानी की सुविधा थी।  ऐसी जगह पर रहने के बाद तानिया और बच्चों की तबियत लगातार बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्होंने जॉन से घर लौटने की मांग की।

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माना जाता है कि आईएस को पीठ दिखाने वालों को भयानक सजाएं दी जाती हैं लेकिन जॉन ने तानिया और अपने बच्चों को बिना कोई सजा दिए ही लौटने की इजाजत दे दी थी। जॉन के परिवारवालों की मदद से तानिया बच्चों के साथ अमेरिका लौटने में सफल हुईं। हालांकि, जॉन का आजतक कुछ पता नहीं चल पाया है। माना जाता है कि जॉन अब सीरिया में आईएस का बड़ा कमांडर बन चुका है।

 

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