यमुनोत्री मार्ग चौथे दिन भी नहीं खुला, फंसे 250 से अधिक यात्रियों को निकाला; सात लोगों की तलाश जारी

यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के चौथे दिन भी सिलाई बैंड से आगे वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई। वहां पर पैदल आवाजाही सुचारू है, लेकिन उसमें भी खतरा बना हुआ है। बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। साथ ही घटना में लापता सात लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की ओर से स्निफर डॉग की मदद ली गई।

सिलाई बैंड के समीप बादल फटने के कारण और ओजरी में नाले के उफान पर आने के कारण वहां पर यमुनोत्री हाईवे के सड़क करीब 20 से 25 मीटर हिस्सा बह गया था। वहीं दूसरी ओर सिलाई बैंड में मलबा और पानी के तेज बहाव में सात लोग बहकर लापता हो गए थे। उन्हें ढूंढने और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित पुलिस, आईटीबीपी की ओर खोज बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

प्रशासन की ओर से बुधवार को पैदल आवाजाही के दौरान करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित निकालकर वाहनों के माध्यम से बड़कोट भेजा गया। वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से यात्रियों के लिए विभिन्न स्थानों पर खाने की व्यवस्था की गई थी। एनएच विभाग की ओर से सिलाई बैंड में सड़क की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। लेकिन ओजरी के समीप हार्ड रॉक आने के कारण विभाग को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

वहीं सिलाई बैंड में भी अधिक मलबा और कीचड़ होने के कारण वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। डीएम प्रशांत आर्य ने कहा कि पूरा प्रशासनिक अमला यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही को सुचारू करने में जुटा हुआ है। प्रयास है कि जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई जाएगी। वहीं कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी कल तक छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए प्रयास शुरू किया जाएगा।

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