मोदी सरकार ने किया नया ऐलान, अब इन लोगों को नहीं मिलेगा आरक्षण
नई दिल्ली। जहां एक ओर पूरे देश में नागरिकता कानून ने विद्रोह खड़ा कर दिया है। वहीं, दूसरी तरफ मोदी सरकार में एक से बढ़कर एक नियम कानून बनते जा रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि जो लोग धर्म परिवर्तन कर के हिन्दू से मुसलमान बने हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकेगा।
बता दें कि मुस्लिम और ईसाई धर्म में आरक्षण की व्यवस्था लागू करने की मांग वाली याचिका पर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफ़नामा दायर किया है। हलफ़नामे में कहा गया कि धर्म परिवर्तन कर हिंदू से मुसलमान बनने वाले व्यक्ति को हिन्दू धर्म में विभिन्न जातियों को मिलने वाला आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।
ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में हिंदू से मुसलमान बने मोहम्मद सादिक ने दायर की है, जो पहले मुकेश कुमार था। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिकता मंत्रालय ने कहा कि इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट खारिज करे, क्योंकि मुस्लिम और ईसाई धर्म में छुआछूत जैसी कुरूतियां नहीं थीं, जिनके मद्देनजर आरक्षण का लाभ हिन्दू धर्म कि विभिन्न जातियों को मुहैया कराया गया।
क्या है नागरिकता कानून
31 दिसंबर, 2014 या उससे पहले भारत आने वाले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के छह धर्मों के अल्पसंख्यकों को घुसपैठिया नहीं माना जाएगा। नागरिकता अधिनियम, 1955 अवैध प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने से प्रतिबंधित करता है।
अवैध प्रवासियों की ऐसे होगी पहचान
जिसने वैध पासपोर्ट या यात्रा दस्तावेज़ों के बिना भारत में प्रवेश किया हो। जो अपने निर्धारित समय-सीमा से अधिक समय तक भारत में रहता है। इस लाभ को देने के लिए विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट अधिनियम, 1920 के तहत भी छूट देनी होगी । वर्ष 1920 का अधिनियम विदेशियों को अपने साथ पासपोर्ट रखने के लिये बाध्य करता है। 1946 का अधिनियम भारत में विदेशियों के आने-जाने को नियंत्रित करता है।