मूंगफली में छिपा है सेहत का ऐसा…खजाना जिस से आप रहेगे बिलकुल फिट

मूंगफली भारतीयों के लिए सबसे फेवरेट टाइम पास स्नैक्स है, खासतौर से जब आप लंबी यात्राओं में हों, तब यह आपके रास्ते का हमसफ़र बन जाता है। दरअसल, अनेक फायदे और बजट फ्रेंडली होने के कारण भी मूंगफली बेहद लोकप्रिय है। एक तो यह कई डिशेज में प्रयोग होती है।
साथ ही स्वास्थ्यवर्धक भी होती है। खासतौर से ठंड के वक़्त दोस्तों के साथ मूंगफली खाने का अपना ही मजा है। इसे सस्ता बादाम के रूप में भी जाना जाता है। मूंगफली का उत्पादन जमीन के अंदर होता है। इसका मूल स्थान ब्राजील और पेरू माना जाता है, जहां पर धार्मिक रीति के अंतर्गत सूर्य देव को अर्पित करने के लिए सबसे पहली बार जंगली मूंगफली की खेती की गई थी। उसके बाद से विश्व भर में लोगों ने इसे उगाना और खाना शुरू कर दिया। खास बात यह है कि इसका सेवन व्रत और त्योहारों में भी जम कर किया जाता है। तो आइए, आज आपको मूंगफली से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों की जानकारी देते हैं।
यह न केवल स्वास्थ्य, बल्कि स्किन के लिए भी काफी उपयोगी है । बिहार में इसे चिनिया बादाम के नाम से भी जाना जाता है। बिहार और महाराष्ट्र में  गुड़ के साथ बनाई गई इसकी चिक्की बहुत ही फेमस है। अंग्रेजी में इसे पीनट कहते हैं। जमीन में उपजाए जाने के कारण इसे ग्राउंड नट भी कहते हैं।
मूंगफली में प्रोटीन, तेल और फाइबर मुख्य रूप से मौजूद होते हैं। यही कारण है कि इसे कई तरीकों से इस्तेमाल में लाया जाता है। इसके अलावा मैंगनीज, नियासिन का भी यह अच्छा स्रोत है। इसमें विटामिन ई, फोलेट, फाइबर और फास्फोरस भी अच्छी मात्रा में होते हैं। इसमें जिंक, कैल्शियम, आयरन और विटामिन बी 6 की भी पर्याप्त मात्रा होती है।

मूंगफली की तासीर गर्म होती है, इसलिए ध्यान रहे कि आप ठंड के मौसम में ही इसका सेवन करें। अगर आप गर्मी में इसे खा रहे हैं तो ज्यादा मात्रा में इसका सेवन हरगिज़ न करें। इससे पेट खराब होने की समस्या हो सकती है। इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

मूंगफली का प्रयोग कई रूपों में किया जा सकता है। एक तो आप इसे यूं ही फ्राई करके खा सकते हैं या फिर रात में भिगो कर भी दूसरे दिन भी आप इसे अंकुरित रूप में खा सकते हैं। इसके अलावा इसकी चटनी, पीनट बटर के रूप में या इसका हलवा बना कर भी खा सकते हैं। मूंगफली पीस कर भी कई तरह की सब्जियां बनाई जाती हैं। मूंगफली के तेल में खाना भी पकाया जाता है। इसके अलावा स्किन की देखभाल के लिए भी इसका इस्तेमाल होता है। मूंगफली की चिक्की भी बेहद पसंद की जाती है। केक बनाने में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। कई मिठाइयां बनाने में भी ये इस्तेमाल होती है। मूंगफली सलाद और रायते में भी उपयोग होती है। इसे हल्का फ्राई कर नमक लगा कर भी खा सकते हैं। व्यंजनों के साथ-साथ बालों के लिए भी मूंगफली का तेल एक बेहतरीन विकल्प है।
अच्छी मूंगफली खरीदते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखें तो अच्छा होगा। कच्ची मूंगफली खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि मूंगफली की फली क्रीम रंग की ही हो। मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान रहे कि उसके पैकेट के अंदर किसी भी प्रकार के कीड़े मकोड़े न हों। छिलके वाली मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान दें कि वह सूखी न हो। इससे पता चलता है कि मूंगफली कितनी पुरानी है। ये भी ध्यान रहे कि मूंगफली का छिलका नाजुक हो, ताकि वह आसानी से निकल जाए या उसे आसानी से छीला जा सके। साबुत मूंगफली को कई महीनों तक रखा जा सकता है, जबकि मूंगफली के दानों को सालों तक रखा जा सकता है। मूंगफली में तेल की मात्रा अधिक होती है, इसलिए इसे सही तापमान में रखा जाना चाहिए।

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