मुद्रा लोन लेकर न चुकाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है, एक साल में इतना फीसदी बढ़ा NPA

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी स्कीम प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) में लोन देने का टारगेट तो हर साल बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसे लेकर कर्ज न चुकाने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है. पिछले एक साल में मुद्रा योजना की गैर निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) में 126 फीसदी का उछाल आया है.

कब कोई लोन होता है एनपीए

गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के मुताबिक यदि किसी बैंक लोन की किस्त या लोन 90 दिनों तक नहीं चुकाया जाता तो उसे NPA मान लिया जाता है. अन्य वित्तीय संस्थाओं के मामले में यह सीमा 120 दिन की होती है.

एक मीडिया समूह द्वारा RTI से हासिल जानकारी के मुताबिक सिर्फ वित्त वर्ष 2018-19 में मुद्रा के एनपीए में 9,204.14 करोड़ रुपये की बढ़त हुई है. मार्च 2019 तक मुद्रा योजना का एनपीए बढ़कर 16,481.45 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि मार्च 2017 तक एनपीए 7,277.31 करोड़ रुपये था.

जानकारी के अनुसार मुद्रा योजना के तहत कुल 30.57 लाख एकाउंट एनपीए बन चुके है. हालांकि कुल लोन के अनुपात में देखें तो एनपीए का वैल्यू बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन इस आदत में तेजी से बढ़त हो रही है.

आरटीआई से हासिल जानकारी से पता चला है कि 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च, 2019 के बीच मुद्रा योजना के तहत कुल 3.11 लाख करोड़ रुपये के वितरित किए गए. इसका मतलब है कि कुल वितरित लोन का महज 2.98 फीसदी ही एनपीए है. मुद्रा योजना की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में इस योजना के तहत मंजूर लोन की मात्रा में करीब 27 फीसदी की बढ़त हुई है.

इन जरूरी सुझावों पर हो गौर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में

यह एक साल पहले के 2.53 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 3.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसी तरह 31 मार्च, 2019 तक वितरित कुल लोन की संख्या भी करीब 25 फीसदी बढ़कर 5.9 करोड़ तक पहुंच गई.

गौरतलब है कि हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्रालय को यह चेतावनी दी है कि मुद्रा योजना का बैंकों के बढ़ते एनपीए में मुख्य योगदान हो सकता है. इस आरटीआई से एनपीए खाता वालों के नामों की जानकारी नहीं हो  पाई है.

हाल में ऐसा आंकड़ा आया था कि PMMY को लगातार तीसरे साल जबरदस्त सफलता हासिल हुई है. वित्त वर्ष 2018-19 में भी प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तय 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज वितरण के सालाना लक्ष्य को पार कर लिया गया है.

क्या है प्रधानमंत्री मुद्रा योजना?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत देश के युवाओं को अपना खुद का कारोबार शुरू करने के लिए बिना गारंटी के बैंकों से लोन उपलब्ध कराया जाता है. मुद्रा योजना 8 अप्रैल 2015 को शुरू की गई थी. मुद्रा योजना में तीन तरह के लोन दिए जाते हैं. 50 हजार तक के लोन शिशु योजना के तहत, 50 हजार से 5 लाख तक के लोन किशोर योजना के तहत और 5 लाख से 10 लाख तक के लोन तरुण योजना के तहत दिए जाते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button