मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना का उठाए लाभ

हरियाणा में फल, सब्जियां और मसालों की खेती करने वाले किसानों के लिए भी बीमा योजना है। प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना(एमबीबीवाई) में 46 सब्जियों, फलों और मसालों की फसलें शामिल हैं। फिलहाल रबी और जायद की फसलों के लिए बीमा योजना के लिए बीमा होगा। मुख्यमंत्री बीमा योजना की बात करें तो यह योजना 1 जनवरी 2021 को शुरू की गई थी।
किसानों को प्रतिकूल माैसम, प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, ठंड, जल संकट, वायु वेग, आग आदि से होने वाले नुकसान को बीमा योजना में कवर किया जाता है। प्रदेश के किसानों के लिए योजना के क्रियान्वयन और सुगमता के लिए सरकार ने मार्च 2022 में एमबीबीवाई पोर्टल लांच किया था, जोकि 27 जुलाई 2022 से संचालित है। मेरी फसल मेरा ब्योरा(एमएफएमबी) पोर्टल पर अपनी फसलों और क्षेत्र के पंजीकरण के समय इस योजना का विकल्प चुन सकते हैं।
योजना को लेकर सरकार के चार प्रयास हैं। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए बागवानी फसलों को उगाने के लिए प्रोत्साहित करना। प्रतिकूल माैसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसलों को होने वाले नुकसान की वित्तीय सहायता प्रदान करना। किसानों को आधुनिक और नवीन कृषि पद्धतियों के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करना। किसानों को धान और गेहूं के बजाय बागवानी फसलों की ओर विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना।
इस तरह से किसानों को करना होता है भुगतान
प्रदेश के किसानों को योजना का लाभ पाने के लिए प्रति एकड़ सब्जियों और मसालों के लिए 30000 हजार रुपये की बीमित राशि पर केवल 2.50 प्रतिशत की दर से 750 रुपये का भुगतान करना होता है। फलों की फसलों के लिए 40,000 रुपये की बीमित राशि पर भी 2.5 प्रतिशत की दर से यानी 1000 रुपये का भुगतान करना होगा। किसानों को नुकसान के अनुसार 15 से 40 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है।
हरियाणा में दलहन का क्षेत्र बढ़ेगा, किसानों को मिलेंगे उत्तम बीज: सैनी
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा- प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन खेती को मजबूत व आत्मनिर्भर बनाने व किसानों के जीवन को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा धन धान्य कृषि योजना का देश के 100 जिलों में शुभारंभ किया गया है। उनमें हरियाणा का नूंह जिला भी शामिल है।
पंचकूला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिशन को सफल बनाने के लिए किसानों को उत्तम किस्म के बीज उपलब्ध करवाए जाएंगे। प्रदेश में साल 2019-20 में दलहन के अधीन लगभग 1 लाख 95 हजार एकड़ क्षेत्र था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 2 लाख 67 हजार 500 एकड़ हो गया। सरकार इस क्षेत्र को और बढ़ाने का प्रयास करेगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कैबिनेट मंत्रीगण, विधायक और किसानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नई दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन भी देखा व सुना। पीएम मोदी ने नई दिल्ली से पीएम धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम ने कहा-प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन और नेतृत्व किसानों के लिए खुशहाली और समृद्धि का नया दौर लेकर आया है।
उन्होंने कहा- राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि नूंह जिले को इस योजना का अधिकतम लाभ मिले, ताकि यहां की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिल सके। उन्होंने कहा दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का उद्देश्य तुअर, उड़द और मसूर जैसी प्रमुख दालों के उत्पादन को बढ़ावा देना है। यह खुशी की बात है कि प्रदेश के किसान भाई नवाचारों व नई स्कीमों को बड़ी तेजी से अपनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने के लिए ई-खरीद पोर्टल के माध्यम से पिछले 10 सीजन में 12 लाख किसानों के खातों में एमएसपी पर फसल खरीद के 1 लाख 48 हजार करोड़ रुपये डाले हैं। किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ई-खरीद एप्लीकेशन द्वारा घर बैठे ई- गेट पास बनाने की सुविधा दी है। उनकी फसल खरीद का भुगतान अब उनकी फसल का एक्जिट गेट पास कटने के 48 घंटे में किया जाता है।