मुक्‍तेश्‍वर : ये है भगवान शिव का स्‍लीपी टाउन, भा जाएगी ये जगह, एडवेंचर से है भरपूर

अगर आपको भी नई-नई जगहों पर घूमने का शौक है, तो उत्‍तराखंड के मुक्‍तेश्‍वर में आपका एक बार जाना तो बनता है। बता दें कि मुक्तेश्वर उत्तराखंड के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। नैनीताल जिले में स्थित हसीन वादियों से सजी ये पर्वतीय जगह समुद्र तल से लगभग 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस शहर का नाम यहां के एक प्राचीन शिव मंदिर से लिया गया है, जिसको देखने के लिए दूर-दराज से सैलानी यहां तक का सफर तय करते हैं।

मुक्तेश्वर

मुक्तेश्वर अक्सर अपने शांतिपूर्ण माहौल के लिए जाना जाता है इसलिए इसे साइलेंट सिटी या स्‍लीपी टाउन भी कहते हैं। 220 वर्ग मील के क्षेत्र में फैली 22 से अधिक बर्फीली चोटियां और घने देवदार के जंगल इस शहर को खास बनाने का काम करते हैं। यहां घूमने-फिरने के लिहाज से कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं।

इसके अलावा यह पहाड़ी स्‍थल अपने विभिन्न एडवेंचर के बल पर देश-दुनिया के ट्रैवलर्स को यहां आने का आमंत्रण भी देता है। इस खास लेख में जानिए इन सर्दियों में आप यहां कौन-कौन सी रोमाचंक गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।

पैराग्लाइडिंग

मुक्तेश्वर में पैराग्लिडिंग सबसे उत्साहजनक एडवेंचर्स में से एक है। यह एडवेंचर आमतौर पर कैंपिंग पैकेज में ही शामिल कर दिया जाता है, जिसमें रिवर क्रासिंग, नाइट ट्रेकिंग, वाइल्ड लाइफ ट्रेकिंग आदि अन्य तरह के एडवेंचर शामिल होते हैं। इस पूरे पैकेज में आपको भोजन और टेंट आवास की भी सुविधा दी जाती है। यह पूरा पैकेज आपको प्रति व्यक्ति 5000-7000 के बीच मिल जाएगा।

मुक्तेश्वर

पिछले कुछ सालों में मुक्तेश्वर पैराग्लाइडिंग के लिए एक खास जगह के रूप में उभर कर सामने आया है। यहां की हसीन वादियों में एडवेंचर का आनंद किसी सपने से कम नहीं। आप यहां का प्लान अपने दोस्तों या पार्टनर के साथ बना सकते हैं।

ट्रेकिंग और कैम्पिंग

यहां की असामान्य स्थलाकृति, अज्ञात ट्रेल्स, हरे-भरे जंगलों, और संकीर्ण गलियां मुक्तिश्वर को ट्रेकिंग के लिए सबसे खास गंतव्य बनाने का काम करती हैं। अपने अनुभव और सहनशक्ति के आधार पर, आप यहां विभिन्न ट्रेकिंग ट्रेल्स का चुनाव कर सकते हैं। यहां ज्यादातर ट्रेल्स कठीन नहीं हैं, इसलिए पेशेवर मार्गदर्शन की यहां जरूरत नहीं। ताजा हवा और पहाड़ी वनस्पतियों के बीच यह एडवेंचर किसी को भी रोमांचित कर सकता है।

मुक्तेश्वर

यहां कुछ लोकप्रिय ट्रेल्स हैं- पेओरा से अल्मोड़ा, पेओरा से मुक्तेश्वर, बिंसर से आर्टोला ट्रेक और नदियों के किनारे वाले ट्रेक रूट। यहां रात में की जाने वाली ट्रेकिंग और कैंम्पिंग काफी ज्यादा लोकप्रिय है। आप यहां परिवार या दोस्तों के साथ एक शानदार ट्रिप का आनंद ले सकते हैं।

रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग

उत्तराखंड स्थित मुक्तेश्वर एक पहाडी गंतव्य है जहां पर्यटक प्राकृतिक दृश्यों के साथ-साथ एडवेंचर का भी आनंद लिया जा सकता हैं। मुक्तेश्वर में ट्रेकिंग, कैम्पिंग, पैराग्लाइडिंग के अलावा रॉक क्लाइंबिंग और रैपलिंग का भी रोमांचक आनंद लिया जा सकता है। चूंकि यह एक पर्वतीय स्थल इसलिए यहां सख्त पहाड़ियों की भरमार हैं। यहां आने वाले विदेशी ट्रैवलर्स इन साहसिक गतिविधियों का अनुभव लेना जरूर पसंद करते हैं।

मुक्तेश्वर की पहाड़ी चट्टाने काफी मजबूत हैं, जिनमें फिसलन कम है इसलिए यहां रॉक क्लाइंबिंग की जा सकती है। हालांकि बरसात के दिनों में यह एडवेंचर जरा जोखिम भरा हो सकता है। यहां की पहाड़ियों में नौसिखिए भी चढ़ाई कर सकते हैं। अगर आप यहां आएं तो रैपलिंग और रॉक क्लाइंबिग का आनंद जरूर उठाएं।

सूर्योदय देखना

एडवेंचर गतिविधियों के अलावा आप यहां प्राकृतिक खूबसूरती का भी आनंद उठा सकते हैं। भारत का दूसरा सबसे ऊंचा शिखर नंदा देवी मुक्तिश्वर से दिखाई देता है। पहाड़ी चोटियों के अद्भुत दृश्य यहां सैलानियों को बहुत हद तक रोमांचित करने का काम करते हैं।

यहां से सूर्योदय का दृश्य काफी मनोरम दिखाई पड़ता है। अक्सर सैलानी उगते -डूबते सूरज और नंदा देवी शिखर के सम्मिश्रण से उत्पन्न दृश्यों को देखने का इंतजार करते हैं। सूर्य की हल्की रोशनी का स्पर्श पाते ही यहां की पहाड़ियां प्रज्वलित हो जाती हैं, इस बीच मुक्तेश्वर एक दैवीय रूप धारण कर लेता है। अगर आप यहां आएं तो सूर्योस्त और सूर्योदय के नजारों को जरूर देखें। फोटोग्राफी के शौकीन यहां आ सकते हैं।

पुराने मंदिरों का दौरा

उपरोक्त गतिविधियों के अलावा अगर आप चाहें तो मुक्तेश्वर स्थित धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते हैं। यहां स्थित प्राचीन शिव मंदिर जिसके नाम पर मुक्तेश्वर शहर का नाम पड़ा आप वहां का दैवीय स्पर्श जरूर लें।

इसके अलावा आप यहां के अन्य प्राचीन मंदिर राजारानी मंदिर और ब्रह्माश्वर मंदिर के भी दर्शन जरूर करें। यहां का सबसे प्रसिद्ध मंदिर मुक्तेश्वर धाम भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और नंदी को समर्पित है। यहां यहां मत्था जरूर टेकें। यहां आने वाला हर पर्यटक इन प्राचीन मंदिरों के दर्शन अवश्य करता है।

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