विजय माल्या को बड़ा झटका, कर्नाटक हाई कोर्ट ने दिया ‘यूबीएचएल’ को समेटने का आदेश


हाई कोर्ट की धाड़वाड़ पीठ के न्यायाधीश कोठारी ने विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए आदेश सुनाया। कर्ज देन वालों में बीएनपी परिबा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं। इसके अलावा विमान पट्टे पर देने वाली कंपनियां, रॉल्स रॉयस जैसी इंजन बनाने वाली कंपनियां और आईएई ने 146 करोड़ रुपये की बकाये की वसूली के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
जज ने कहा कि प्रतिवादी कंपनियों की परिसंपत्ति यूबीएचएल के जिम्मे नहीं छोड़ी जा सकती है और कानून के तहत परिसमापन प्रक्रिया पूरी करने के लिए उसे परिसमापक को सौंपी जा सकती है। किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले ऋणदाताओं ने यूबीएचएल के खिलाफ याचिका दायर कर किंगफिशर से बकाये की वसूली में मदद का आग्रह किया था।
यूबीएचएल ने किंगफिशर को कर्ज देने के लिए कॉर्पोरेशन गारंटी दी थी। वास्तव में माल्या के शराब कारोबार के एक तरह से ध्वस्त होने में किंगफिशर कारण है। माल्या की यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लि. में 52.34 प्रतिशत हिस्सेदारी है। जस्टिस कोठारी ने इसके साथ इस मामले में पक्ष बनने के लिए यूबीएचएल द्वारा दायर की गयी सभी अर्जियों का निस्तारण कर दिया।