मायावती हैं उनके लिए जरूरी, BJP और कांग्रेस की मजबूरी
उत्तर प्रदेश ।। जैसे-जैसे 2019 चुनाव पास आ रहे है वैसे-वैसे राजनीति में रोज नए उतार चढ़ाव देखने को मिल रहे है। जहां लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने सभी विपक्षी पार्टियों के साथ एक होकर बीजेपी के विजय रथ को रोकने के सपने संजोए थे अब उन्हीं सपनों पर मायावती फेरती नजर आ रही है। इसी साल देश के पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने वाले है। इसी बीच बसपा प्रमुख मायावती ने ऐलान किया है कि वो तीन राज्यों में कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेंगी।
मायावती का ये ऐलान कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है। अभी तक संभावना थी कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए बीएसपी और कांग्रेस के बीच सहमति बन सकता है। कहा जा रहा है कि सीटों की संख्या के चलते मायावती और कांग्रेस के बीच नाराजगी है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने कहा था कि राजस्थान में कांग्रेस हमे 200 में से महज 9 सीटें दे रही थी। मध्यप्रदेश में भी 230 में से 15-20 और छत्तीसगढ़ में 90 में से सिर्फ 5-6 सीटों पर ही राजी हो रही थी। बीएसपी को इस गठबंधन से ज्यादा नुकसान होता क्योंकि उसके सारे वोटर कांग्रेस की तरफ चले जाते। बीएसपी तीनों राज्यों में ज्यादा सीटें चाहती थी।
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एमपी में लगभग 25 प्रतिशत, राजस्थान में लगभग 17 प्रतिशत और छत्तीसगढ़ में 12 प्रतिशत के आसपास 12 प्रतिशत दलित वोटर्स हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी को मध्य प्रदेश में 6.3 प्रतिशत वोट मिले थे जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोटों का अंतर 8 प्रतिशत का था। एक्सपट्र्स का मानना है कि अगर बीएसपी और कांग्रेस साथ चुनाव लड़ते तो नतीजे कुछ और हो सकते थे। अंत में नतीजा यह हुआ कि बीजेपी इन तीनों राज्यों में सरकार बना ले गई।
कहा जाता है कि देश की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। कुछ मीडिया संस्थान द्वारा किए गए सर्वे के मुताबित अगर अभी चुनाव हो और उत्तर प्रदेश में बीएसपी एकेले लड़े तो एनडीए को 70 सीटें, यूपीए को 2 और अन्ये के हिस्से में 8 सीटें आने की संभावना है। लेकिन अगर सपा, कांग्रेस और बीएसपी के बीच गठबंधन होता है तो यूपीए के हिस्से में 56 सीटें और एनडीए महज 24 सीटों पर सिमट जाएगी। यदि एसपी और बीएसपी के बीच गठबंधन हो जाता है लेकिन कांग्रेस अलग लड़ती है तब एक बार फिर एनडीए को फायदा होगा।
ऐसे में एनडीए 36 और महागठबंधन 42 और कांग्रेस महज दो सीटें हासिल कर पाएंगी। यूपीए को यदि वापसी करनी है तो यूपी में कांग्रेस, एसपी और बीएसपी के बीच गठबंधन बेहद जरुरी है। यदि एनडीए भी एक बार फिर 2014 के परिणाम दोहराना चाहती है तो एनडीए को एकजुट होना पड़ेगा और विपक्षी पार्टियां अलग-अलग।
एक कार्यक्रम में राहुल ने कहा ‘मुझे नहीं लगता कि बसपा के साथ गठबंधन से मध्य प्रदेश चुनाव में ज्यादा असर पड़ता।’ हालांकि राहुल ने कहा कि कांग्रेस मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जीत जरूर दर्ज करेगी। गठबंधन से संबंधित राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा राज्य में गठबंधन और केंद्र में गठबंधन दोनों अलग बाते हैं। मायावती ने इसी तरफ इशारा किया है। राहुल गांधी ने आगे कहा ‘मुझे लगता है कि लोकसभा चुनाव के दौरान खासकर यूपी में कई दल साथ में आएंगे।
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