महीने के इस दिन जन्म लेने वाले बच्चो में होता है बुरी काली शक्तियों का वास, बनते हैं बड़े अपराधी
हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि किसी के जन्म से उसके भविष्य के बारे में बहुत सी बातों के बारे में जाना जाता है और वह भविष्य की अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में विस्तार से बताता है. कहा जाता है जन्म के साथ ही इंसान की मृत्यु के बारे में भगवान निर्धारित कर देते हैं और ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार हमारी कुंडली के बारे में बताया जाता है. ऐसे में इस बात के आधार पर उसके भविष्य का अंदाजा लगाया जाता है. इसी के साथ तिथियों का प्रभाव भी बच्चे के जन्म पर पड़ता है, एक खास तिथि ऐसी होती है जिसमें अगर बच्चे का जन्म हो तो उसे शुभ नहीं माना जाता है.
– कहते है हर महीने में एक बार अमावस्या आती है और इस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता है. इसी के साथ आप सभी जानते ही होंगे कि शास्त्रों में अमावस्या को नकारात्मक ऊर्जा वाला माना जाता है और इस दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव काफी ज्यादा होता है. कहते हैं कि इस दिन जन्मे बच्चे की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा एक ही घर में होते हैं.
– ज्योतिषशास्त्र की माने तो, जब सूर्य और चंद्रमा दोनों कुंडली के सातवें भाव में होते हैं तो ऐसे व्यक्ति को जीवन भर अपमान का सामना करना पड़ता है और उसे अपने परिवार के सदस्यों से भी सम्मान प्राप्त नहीं होता है. कहा जाता है अमावस्या के दिन जन्मे बच्चे पर नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव भी ज्यादा रहता है और वह अपराधी प्रवृति के होते हैं और इसी के कारण अगर किसी बच्चे का जन्म अमावस्या के दिन होता है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है और वह बुरा कहा जाता है.