महिलाओं के पीछे छिपा था मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर, इस कमांडो ने सिर में मारी गोली
जयपुर.आईसीयू में भर्ती कमांडो सोहन ने भास्कर को बताया कि हम मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर आनंदपाल से बार-बार सरेंडर करने को कहते रहे, लेकिन उसने घर के बाहर दरवाजे पर तीन महिलाओं और दो युवकों को बैठा दिया। वह इनको ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहा था। इस कारण पुलिसकर्मी व एआरटी कमांडो आनंदपाल का सामना नहीं कर पा रहे थे। इस बीच वह छत पर चढ़ गया और गोलियां बरसाने लगा।
सबसे ज्यादा 30 गोलियां सोहन सिंह ने ही चलाईं…
कमांडो सोहन के मुताबिक, “मैं दौड़कर घर के सामने आ गया। मेरे पीछे कमांडो हनुमान व संदीप थे। मुकेश व जितेन्द्र हमें कवर दे रहे थे। जब हमने घर में घुसने का प्रयास किया तो महिलाएं धक्का-मुक्की करने लगीं। हमने सभी को धक्का मारकर एक कमरे में बंद कर दिया। आनंदपाल छत से सीढ़ियों की तरफ आने लगा। मैं सीढ़ियों की ओर दौड़ा और छत पर जाने के लिए चढ़ने लगा। मैंने छह-सात बार आनंदपाल को आवाज दी और सरेंडर करने को कहा। मैं जैसे-जैसे सीढ़ियों पर चढ़ने लगा…अानंदपाल गोली चलता रहा। एक गोली मेरी कमर के दाएं हिस्से में लगी। मैं भी सीढ़ियों में आगे बढ़कर एके-47 से फायरिंग करने लगा। एक गोली आनंदपाल के सिर में लगी और वह नीचे गिर गया। कुछ देर बाद मैं भी सीढ़ियों में गिर गया। कवर दे रहा कमांडो हनुमान दौड़कर मेरे पास आया और मुझे उठाकर बाहर ले गया।”
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हनुमान ने कहां सीकर पहुंचते-पहुंचते सोहन की तबीयत बिगड़ गई थी
कमांडो हनुमान सिंह ने बताया कि वह एक इंस्पेक्टर को साथ लेकर सोहन सिंह को उपचार के लिए रतनगढ़ ले आया। जहां से सोहन सिंह को जयपुर रेफर कर दिया गया। हम एक प्राइवेट एम्बुलेंस में उसे लेकर जयपुर के लिए रवाना हुए। एम्बुलेंस की लाइट दस किलोमीटर बाद खराब हो गई। ऐसे में जैसे-जैसे सोहन सिंह को लेकर सीकर पहुंचे। वहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद सोहन को जिला हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां हालत में कुछ सुधार होने के बाद वापस जयपुर के लिए रवाना हुए। सोहन को तड़के 3 बजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया और रविवार 12 बजे सर्जरी कर गोली बाहर निकाली गई। सोहन की हालत अब भी गंभीर है।
कमांडो हनुमान सिंह ने बताया कि वह एक इंस्पेक्टर को साथ लेकर सोहन सिंह को उपचार के लिए रतनगढ़ ले आया। जहां से सोहन सिंह को जयपुर रेफर कर दिया गया। हम एक प्राइवेट एम्बुलेंस में उसे लेकर जयपुर के लिए रवाना हुए। एम्बुलेंस की लाइट दस किलोमीटर बाद खराब हो गई। ऐसे में जैसे-जैसे सोहन सिंह को लेकर सीकर पहुंचे। वहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद सोहन को जिला हॉस्पिटल में ले जाया गया। वहां हालत में कुछ सुधार होने के बाद वापस जयपुर के लिए रवाना हुए। सोहन को तड़के 3 बजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया और रविवार 12 बजे सर्जरी कर गोली बाहर निकाली गई। सोहन की हालत अब भी गंभीर है।
शेर दिल के नाम से जाना जाएगा सोहन सिंह
घायल कमांडो सोहन सिंह के हालचाल जानने के लिए डीजीपी मनोज भट्ट व पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल, एडीजी उमेश मिश्रा, आईजी दिनेश एमएन व मालिनी अग्रवाल समेत अन्य अफसर एसएमएस हॉस्पिटल पहुंचे। जहां पर अफसरों ने सोहन से कुशलक्षेम पूछा और डीजीपी मनोज भट्ट ने इस दौरान सोहन सिंह को पुलिस महकमे में नई पहचान देकर शेर दिल के नाम से जाना जाने की घोषणा कर दी।
सोहन सिंह की आंत को फाड़ते हुए कूल्हे में फंसी गोली
सोहन सिंह का रविवार को सुबह 9.30 बजे ऑपरेशन किया गया। गोली उनकी कमर से होते हुए पेट में आंतों को फाड़ते हुए कूल्हे में फंसी थी। कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर भी था जिसकी वजह से शरीर के अंदर काफी ब्लीडिंग हो रही थी। ऑपरेशन के दौरान करीब डेढ़ लीटर ब्लड बह गया। फिलहाल ब्लीडिंग को लगभग रोक दिया गया है। सोहन के पेट के रास्ते से आंत के लिए अस्थायी रास्ता बनाया गया है। उन्हें सर्जिकल आईसीयू में रखा गया है। अगले 48 घंटे सोहन सिंह के लिए गंभीर हैं। -डॉ. भूपेन सोनगरा, एसोसिएट प्रोफेसर, सर्जरी, एसएमएस
सोहन सिंह का रविवार को सुबह 9.30 बजे ऑपरेशन किया गया। गोली उनकी कमर से होते हुए पेट में आंतों को फाड़ते हुए कूल्हे में फंसी थी। कूल्हे की हड्डी में फ्रैक्चर भी था जिसकी वजह से शरीर के अंदर काफी ब्लीडिंग हो रही थी। ऑपरेशन के दौरान करीब डेढ़ लीटर ब्लड बह गया। फिलहाल ब्लीडिंग को लगभग रोक दिया गया है। सोहन के पेट के रास्ते से आंत के लिए अस्थायी रास्ता बनाया गया है। उन्हें सर्जिकल आईसीयू में रखा गया है। अगले 48 घंटे सोहन सिंह के लिए गंभीर हैं। -डॉ. भूपेन सोनगरा, एसोसिएट प्रोफेसर, सर्जरी, एसएमएस