महाराष्ट्र: सात दिन के नवजात को ₹6 लाख में बेचने की साजिश

ठाणे पुलिस ने नकली खरीदार बनकर ऑपरेशन चलाया और सात दिन के नवजात को 6 लाख रुपये में बेचने की साजिश का पर्दाफाश किया। सौदे के वक्त पांच आरोपी गिरफ्तार किए गए, जबकि एक महिला फरार है। शिशु को सुरक्षित देखभाल गृह भेज दिया गया है और बड़े नेटवर्क की जांच जारी है।
महाराष्ट्र के ठाणे में पुलिस ने एक मानव तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार यह लोग सात दिन के नवजात शिशु को 6 लाख रुपये में बेचने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस ने अपराधियों का कैसे किया पर्दाफाश
अपराधियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पूरा ऑपरेशन चलाया। सूचना मिलने पर, शहर पुलिस की मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ ने बुधवार रात बदलापुर पश्चिम इलाके में एक होटल के पास जाल बिछाया। एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने एक नकली खरीदार का इस्तेमाल करके यह पुष्टि की कि एक समूह नवजात शिशु को बेचने की कोशिश कर रहा था।
अधिकारी ने आगे बताया कि गिरोह को टोकन राशि के तौर पर यूपीआई के माध्यम से 20,000 रुपये दिए गए थे, शेष 5.8 लाख रुपये नकद में दिए जाने थे। फर्जी ग्राहक से सूचना मिलने पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और सौदे के लिए आए सभी पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की पहचान शंकर संभाजी मनोहर (36) के रूप में हुई है, जिन्होंने नकदी स्वीकार की थी, रेशमा शहाबुद्दीन शेख (35), जिन्होंने बच्चा प्राप्त किया था, इगतपुरी स्थित एजेंट नितिन संभाजी मनोहर (33) और शेखर गणेश जाधव (35), और मुंबई के मानखुर्द में स्थित एजेंट आसिफ चंद खान (27) हैं। छठी सहयोगी, जिसकी पहचान सबीना के रूप में हुई है, फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
नवजात शिशुओं के अपहरण और बिक्री का बड़ा घोटाले
बदलापुर (पश्चिम) पुलिस स्टेशन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरोह ने नवजात शिशु को 6 लाख रुपये में बेचने की साजिश रची थी। हमें संदेह है कि यह निःसंतान दंपतियों को नवजात शिशुओं का अपहरण और बिक्री करने वाले एक बड़े घोटाले का हिस्सा है। हम बच्चे की असली मां की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल शिशु को एक विशेष देखभाल गृह में भेज दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या अस्पतालों या नर्सिंग होम का कोई बड़ा नेटवर्क तस्करों को नवजात शिशु मुहैया कराने में शामिल है।





