महाराष्ट्र सरकार ने शेतकरी सम्मान योजना के लिए किया प्रावधान

महाराष्ट्र सरकार की छत्रपति शिवाजी महाराज शेतकरी सम्मान योजना 2017 के तहत पात्र किसानों को ऋण माफी देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी 6 लाख 56 हजार किसानों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिला है. यह एक चौंकाने वाली और गंभीर बात है, जिसने किसानों में नाराजगी पैदा कर दी है.

सहकारिता मंत्री बाबासाहेब पाटिल ने विधानसभा में दिए गए लिखित उत्तर में यह स्वीकार किया कि इन किसानों को लाभ देने के लिए 5,975.51 करोड़ रुपये की जरूरत है, जबकि सरकार ने पूरक मांगों में केवल 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. इससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या किसानों के साथ मजाक किया जा रहा है?

योजना को लागू करने के लिए जरूरी है बड़ी धनराशि
शिवसेना (ठाकरे गुट) के नेता भास्कर जाधव ने विधानसभा में सवाल उठाया, जिसके जवाब में यह पूरी जानकारी सामने आई. उच्च न्यायालय ने भी आदेश दिया था कि पात्र किसानों को योजना का लाभ दिया जाए. इसके बावजूद, सरकार की पूरी जरूरत का केवल एक छोटा हिस्सा ही उपलब्ध कराया गया है. ऐसा लग रहा है कि सरकार न्यायालय के आदेश को गंभीरता से नहीं ले रही है.

मुख्यमंत्री सहायता निधि में 1 अरब रुपये जमा
एक और खुलासा RTI के माध्यम से सामने आया. अक्टूबर महीने में मुख्यमंत्री सहायता निधि में कुल 1 अरब रुपये जमा हुए, लेकिन राज्य के अतिवृष्टि प्रभावित किसानों को केवल 75 हजार रुपये की सहायता दी गई. RTI कार्यकर्ता वैभव कोकाट द्वारा की गई जांच में यह महत्वपूर्ण जानकारी मिली.

सरकार ने पहले ही एक नियम बनाया था कि चीनी मिलें प्रति टन गन्ने पर 10 रुपये मुख्यमंत्री सहायता निधि में जमा करेंगी. इस फैसले पर बड़ा विवाद भी हुआ था, लेकिन उसके बावजूद यह मदद किसानों तक नहीं पहुंच पाई. एक अन्य राहत पैकेज के तहत, अतिवृष्टि प्रभावित किसानों के लिए 31,628 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की गई थी. ई-केवाईसी का पूरा न होना, बैंक और आधार जानकारी में अंतर, साथ ही पोर्टल पर तकनीकी त्रुटियों के कारण कुल 5 लाख 42 हजार 141 किसानों को घोषित मदद नहीं मिली है.

किसानों की समस्याओं का समाधान कब?
किसान लगातार प्राकृतिक आपदाओं, फसल नुकसान और कर्ज की समस्याओं से जूझ रहे हैं. इसके बावजूद योजना का लाभ समय पर नहीं मिलना किसानों के लिए बड़ी चिंता का विषय है. महाराष्ट्र में खेतों पर मेहनत करने वाले लाखों किसानों को अब सरकार से स्पष्ट और ठोस कार्रवाई की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button