महाराष्ट्र: जितेंद्र आव्हाड को पुलिस ने सड़क पर घसीटा…

इससे पहले गुरुवार को विधान भवन लॉबी में पडलकर और आव्हाड के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। दोनों समूहों के एक-दूसरे पर हमला करने और सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें घसीटकर वापस ले जाने के चौंकाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। विवाद बुधवार को विधानसभा भवन के बाहर एक बहस से शुरू हुआ, जिसमें दोनों विधायकों और उनके समर्थकों के बीच गाली-गलौज हुई।
राकांपा (शरद गुट) विधायक जितेंद्र आव्हाड को शुक्रवार तड़के पुलिस ने सड़क पर घसीटा। घटना उस समय हुई, जब वह अपने समर्थक की हिरासत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। एक दिन पहले भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर के समर्थकों ने हाथापाई के दौरान उनके समर्थक पर हमला किया था। आव्हाड ने पुलिस की ओर से अपने समर्थक नितिन देशमुख को ले जाने के बाद लगभग दो बजे विधान भवन परिसर के पिछले गेट के पास एक धरना शुरू कर दिया।
विधायक ने पुलिस वाहन को रोककर देशमुख को छोड़ने की मांग की और कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर पक्षपातपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया। इस बीच मुंबई पुलिस ने जितेंद्र आव्हाड के खिलाफ सरकारी कर्मचारियों के सार्वजनिक कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालने का मामला भी दर्ज किया है।
‘यह सरासर पक्षपात’
उन्होंने कहा, ‘यह सरासर पक्षपात है। मेरे समर्थक को पीटा गया था। उसे ही गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि पडलकर के उन पांच लोगों को पुलिस संरक्षण दे रही है। उन लोगों ने मेरे समर्थक पर हमला किया था। गुरुवार को हुई हाथापाई के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के समर्थकों को हिरासत में ले लिया। विधानसभा अध्यक्ष ने मुझसे कहा था कि सदन की दैनिक कार्यवाही समाप्त होने के बाद वह पुलिस को मेरे समर्थकों को रिहा करने का निर्देश देंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। पडलकर के समर्थकों को पुलिस वड़ा पाव और तंबाकू परोस रही है।
क्या है मामला?
दरअसल, पुलिस ने राकांपा (शरद गुट) विधायक जितेंद्र आव्हाड और भाजपा के गोपीचंद पडलकर के एक-एक समर्थक को महाराष्ट्र विधान भवन परिसर में हुई झड़प के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। आव्हाड और पडलकर के समर्थकों के बीच गुरुवार को विधान भवन के अंदर बहस हुई। एक दिन पहले दोनों विधायकों के बीच तीखी बहस हुई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने आव्हाड के समर्थक नितिन देशमुख और पडलकर के समर्थक ऋषिकेश टाकले को गिरफ्तार कर उनके बयान दर्ज किए हैं। दोनों को दक्षिण मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ले जाया गया, जहां उनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। इसे लेकर शुक्रवार तड़के जब पुलिस देशमुख को ले जाने लगी, तो आव्हाड ने विधान भवन परिसर के पिछले गेट के पास धरना शुरू कर दिया।