महाराष्ट्र की सियासत में होगा उलटफेर? डिप्टी सीएम अजीत पवार ने खुलकर की चाचा शरद की तारीफ

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने शनिवार को अपने चाचा और राकांपा (शरद गुट) प्रमुख शरद पवार की प्रशंसा की। उनका कहना है कि शरद पवार ने महिलाओं के आरक्षण विधेयक को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इस विधेयक के तहत स्थानीय निकायों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया था। उस समय शरद पवार मुख्यमंत्री थे।
अजीत पवार का बयान
अजीत पवार ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि उस समय साहब (शरद पवार) मुख्यमंत्री थे और विधायक के तौर पर यह मेरा पहला कार्यकाल था। उन्होंने कहा कि सदन को तब तक स्थगित नहीं किया जाना चाहिए जब तक विधेयक पारित नहीं हो जाता।
अजीत पवार ने कहा,
हमने सुबह 3:30 बजे बहस के बाद विधेयक पारित किया।
2023 में हुआ था पार्टी का विभाजन
अजीत पवार का यह बयान राकांपा के दोनों गुटों के बीच सुलह की राजनीतिक चर्चा के बीच आई है। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में अजीत पवार तत्कालीन एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का विभाजन हो गया था।
चुनाव आयोग ने दिए चिह्न
चुनाव आयोग ने अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को राकांपा नाम और घड़ी का चुनाव चिह्न दे दिया, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को राकांपा (शरदचंद्र पवार) नाम दिया गया। दोनों गुटों ने मेल-मिलाप की बात को अटकलबाजी बताया है।
विपक्ष के खिलाफ पीएमएलए का दुरुपयोग: शरद पवार
शरद पवार ने शनिवार को कहा कि विपक्ष के खिलाफ मनी लांड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब भी केंद्र में सरकार बदलती है, तो कानून में संशोधन की जरूरत होती है। शरद पवार सांसद संजय राउत द्वारा लिखी गई एक मराठी किताब के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। किताब में राउत को ईडी द्वारा मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद जेल में बिताए गए उनके अनुभवों के बारे में बताया गया है।