महाराष्ट्र: ऑटो से हुए हादसे में घायल महिला को मिलेगा 8.8 लाख रुपये मुआवजा

नौ दिसंबर 2021 को महिला मोनिका अजय रोकड़े ऑटो रिक्शा से यात्रा कर रही थीं। अचानक ऑटो अनियंत्रित होकर एक गड्ढे में पलट गया। हादसे में टिन का टुकड़ा लग जाने से महिला को चोट आई। महिला ने दावा किया कि चोट के कारण उसे 23.70 प्रतिशत स्थायी आंशिक विकलांगता हो गई है। इस पर महिला ने मुआवजे की मांग की।

महाराष्ट्र के ठाणे में ऑटो रिक्शा से हुए हादसे में घायल महिला को 8.8 लाख रुपये मुआवजा मिलेगा। महिला की अपील पर मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने बीमा कंपनी और वाहन चालक को दोषी मानते हुए एक महीने में मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया।

दरअसल नौ दिसंबर 2021 को महिला मोनिका अजय रोकड़े ऑटो रिक्शा से यात्रा कर रही थीं। ठाणे में मेट्रो रेल निर्माण से प्रभावित सड़क पर ऑटो चालक तेजी से वाहन चला रहा था। अचानक ऑटो अनियंत्रित होकर एक गड्ढे में पलट गया। हादसे में टिन का टुकड़ा लग जाने से महिला को चोट आई। चालक ने उसे अस्पताल पहुंचाया।

महिला ने बाद में ड्राइवर के खिलाफ आईपीसी की धारा 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्य से गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया। महिला ने दावा किया कि चोट के कारण उसे 23.70 प्रतिशत स्थायी आंशिक विकलांगता हो गई है। इसे बाद में अदालत ने 15 प्रतिशत तक माना। महिला ने भविष्य में आय की हानि, चिकित्सा व्यय और दर्द सहित विभिन्न मदों के तहत मुआवजे की मांग की।

मामला मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण पहुंचा तो ऑटो का बीमा करने वाली कंपनी ने कहा कि ऑटो चालक के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था और घटना के समय वाहन ओवरलोड था। हालांकि कंपनी ने यह भी कहा कि संबंधित अवधि के दौरान वाहन का बीमा किया गया था। इस पर न्यायाधिकरण ने बीमाकर्ता के प्रति नाराजगी जाहिर की।

बीमा कंपनी भी वाहन के ओवरलोड होने या वैध लाइसेंस के अभाव के अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं कर सका। इस पर न्यायाधिकरण ने माना कि दुर्घटना वाहन चालक की लापरवाही के कारण हुई। एमएसीटी सदस्य एसएन शाह ने वाहन मालिक और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से एक महीने में 8.84 लाख रुपये मुआवजा महिला को देने का आदेश दिया।

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