ममता से मिले सीएम उमर: प्रदेश में आने का दिया न्योता…

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कोलकाता में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर उन्हें कश्मीर आने का निमंत्रण दिया और पर्यटन व उद्योग में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। ममता बनर्जी ने कहा कि दुर्गापूजा के बाद वे कश्मीर दौरे पर जा सकती हैं।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में शिष्टाचार मुलाकात की। सीएम ममता के साथ बैठक में दोनों राज्यों के बीच विशेष रूप से उद्योग और पर्यटन के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की गई।

उमर अब्दुल्ला ने ममता बनर्जी को जम्मू-कश्मीर आने का निमंत्रण दिया। बैठक के बाद ममता के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अब्दुल्ला ने कहा कि ‘मैं दीदी को जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति उनकी सहानुभूति के लिए धन्यवाद देता हूं। दीदी हमेशा संकट में कश्मीरियों के साथ खड़ी रहीं।

2019 में एक चुनौतीपूर्ण राजनीतिक दौर के दौरान दीदी ने अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं और कहा था कि जो कुछ भी हो रहा है वह गलत है। पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद, दीदी ने गोलाबारी से प्रभावित जम्मू कश्मीर के लोगों की सहायता के लिए यहां से एक टीम भी भेजी थी और जरूर मदद पहुंचाई। मैं इन सबके लिए उन्हें धन्यवाद देने और उन्हें जम्मू-कश्मीर आने का निमंत्रण देने आया हूं।’

अब्दुल्ला ने कहा, बंगाल और कश्मीर के बीच का रिश्ता केवल सांस्कृतिक नहीं, भावनात्मक भी है। यह मिठास से भरा रिश्ता है, जिसे और मजबूत करने की जरूरत है।

दुर्गापूजा के बाद आ सकती हैं ममता
ममता बनर्जी ने कहा, मैंने जम्मू-कश्मीर आने का उनका निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। दुर्गा पूजा उत्सव के बाद मैं वहां जाने की कोशिश करूंगी। हम कश्मीर की मदद के लिए तैयार हैं। हमारे पर्यटकों को कश्मीर जाना चाहिए। डरने की कोई बात नहीं है।

बनर्जी ने केंद्र से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया और कहा कि वहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यह आवश्यक है, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक कश्मीर आ सकें। क्षेत्र में सीमा सुरक्षा को भी मजबूत करना चाहिए। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच यह पहली मुलाकात थी।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ने बंगाल के साथ पर्यटन सहयोग को बताया महत्वपूर्ण
कोलकाता यात्रा एवं पर्यटन मेले में पहुंचे जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंंत्री ने वीरवार को कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बार-बार संकट में घिरे कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी रही हैं। यही वजह है कि उनकी बातों में कश्मीर और ममता बनर्जी का जिक्र बार-बार सामने आता है। उमर अब्दुल्ला यहां राज्य सचिवालय पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

2019 की कठिन परिस्थितियों का किया जिक्र, ममता बनर्जी के समर्थन को बताया अहम
उमर अब्दुल्ला ने बंगाल और कश्मीर के बीच उद्योग, व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की बात कही। उन्होंने कहा, मेरा और दीदी का संबंध आज का नहीं है। उन्होंने कई बार कश्मीर और वहां के लोगों के लिए साथ खड़े होकर मदद की है।

2019 में जब हम तरह-तरह की समस्याओं में घिरे हुए थे, तब भी दीदी हमारे साथ थीं। पहलगाम घटना के बाद जब भारत ने प्रतिकार किया और फिर पाकिस्तान ने राजोरी इलाके में बमबारी की, उस समय प्रभावित परिवारों से मिलने और उनका हाल जानने दीदी के ही प्रतिनिधि वहां पहुंचे थे।

स्टेटहुड पर बोले- हम लड़ते रहेंगे
कोलकाता में भी पत्रकारों ने उमर अब्दुल्ला से स्टेटहुड पर सवाल किया। साथ ही कहा कि हमारा क्या कसूर था कि जम्मू-कश्मीर के दो हिस्से कर दिए। रियासत हमारा अधिकार है। हम तो ये जानते हैं कि यूटी को रियासत बनाया जाता है, यहां तो रियासत को यूटी बना दिया गया। सुप्रीम कोर्ट ने भी हमाें हमारा हक देने को कहा है। हम अपने अधिकार के लिए लड़ते रहेंगे।

हर मौसम में पर्यटन के लिए तैयार हो रहा जम्मू-कश्मीर
कोलकाता में मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में हुए बदलाव के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर साल भर खुले रहने वाले, सभी क्षेत्रों के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हुआ है। हम न केवल पारंपरिक स्थलों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, बल्कि गुरेज, बंगस, भद्रवाह, सनासर, दूधपथरी और बसोहली जैसे अनोखे स्थानों की भी पहचान और विकास किया है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को मिल रहा नया आयाम
सीमावर्ती पर्यटन व सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावाजम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती पर्यटन पर ज़ोर देते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा, हम उरी, केरन, टीटवाल और सुचेतगढ़ जैसे क्षेत्रों में पर्यटन स्थलों को बढ़ावा दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र में सामुदायिक भागीदारी पर विशेष जोर दिया।

उन्होंने कहा, जम्मू-कश्मीर में होमस्टे पर्यटन में बढ़ती ज़मीनी भागीदारी को दर्शाते हैं। कुपवाड़ा और गांदरबल जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा संचालित होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है। यह आर्थिक सशक्तीकरण में सहायक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में साहसिक पर्यटन की संभावनाएं बहुत हैं। स्कीइंग, ट्रैकिंग, अल्पाइन झीलों की खोज हो या पर्वतारोहण, गुलमर्ग, पहलगाम, श्रीनगर और जम्मू में हमारे विश्वस्तरीय गोल्फ कोर्स लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। श्रीनगर और गुलमर्ग में वेडिंग टूरिज्म भी ज़ोर पकड़ रहा है।

जम्मू-कश्मीर फिर बना भारत का ‘सिनेमाई मुकुट’
भारत के सिनेमाई मुकुट का दर्जा पुन: प्राप्त कर रहामुख्यमंत्री ने कहा, जम्मू और कश्मीर एक बार फिर भारत के सिनेमाई मुकुट के रूप में अपना दर्जा फिर से प्राप्त कर रहा है। घाटी में बॉलीवुड की वापसी रोजगार के अवसर भी बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा कि जम्मूृ-कश्मीर की पर्यटन पहलों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसा बनी है। होमस्टे की पहल के लिए स्काच सिल्वर अवार्ड और केरन, झरोखाबाग और युसमर्ग जैसे स्थानों के लिए पर्यटन मंत्रालय के सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण होमस्टे पुरस्कारों के तहत कई पुरस्कार मिले हैं।

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