मनुष्य के जीवन में दुख का सबसे बड़ा कारण होते हैं ये चीज, हमेशा रहे दूर…

सुख और दुःख मानव जीवन के दो पहलू है। कभी सुख तो कभी दुःख का पहरा रहता है। व्यक्ति के जीवन में सुख और दुख लगे रहते हैं लेकिन जब व्यक्ति अधिक महत्वाकांक्षी हो जाता है तो उसके दुख बड़ जाते हैं क्योंकि व्यक्ति की महत्वाकांक्षा कभी भी समाप्त नहीं होती हैं। 

 इन चीजों से हमेशा रहे दूर:

महत्वाकांक्षा को समाप्त करने के लिए धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। धर्म पर चलने वालों को किसी भी प्रकार का लालच और तृष्णा आकर्षित नहीं कर पाती है।

व्यक्ति को सिर्फ अपने परिश्रम पर भरोसा करना चाहिए। जब व्यक्ति महत्वाकांक्षी होता है तो वह लक्ष्य को पाने के लिए परिश्रम का सहारा न लेकर अन्य गलत और अनैतिक मार्गों को भी अपनाता है।

महत्वाकांक्षा उस व्यक्ति को कभी स्पर्श भी नहीं कर पाती है जो नैतिकता के मार्ग पर चलते हैं। व्यक्ति को कभी भी नैतिक गुणों का त्याग नहीं करना चाहिए। नैतिक मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति सदैव महत्वाकांक्षाओं से दूर रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button