मन की सेहत पर भारी पड़ती हर काम में जल्दबाजी, संतुष्टि और खुशी हो रही है कम

आज के समय में व्यस्तता को सम्मान के रूप में देखा जाता है पर इसकी वजह से स्ट्रेस चिंता घबराहट जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं। लोगों के पास बैठकर ठीक से खाना खाने तक की फुर्सत नहीं है। लेकिन इस बिजी लाइफस्टाइल का खामियाजा हमारी सेहत को भुगतना पड़ता है। आइए डॉ. एकांश शर्मा (कंसल्टेंटसाइकियाट्री ईहवास नई दिल्ली) से जानें इस बारे में।

हर समय जल्दबाजी की आदत से भले ही आपको लगता हो कि आपका काम समय पर और सही ढंग से पूरा हो जाएगा, पर यही जल्दबाजी धीरे-धीरे आपको बर्नआउट, डिप्रेशन के घेरे में लेने लगती है। यहां तक कि कामकाज के चलते लोग स्वस्थ खानपान से वंचित हो रहे हैं।

घर का भोजन करने के बजाय फास्ट फूड पर निर्भर होते जा रहे हैं। जल्दबाजी में कुछ भी खा लेने और काम पर निकल जाने की आदत हो चुकी है, तो यह स्वयं को शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से बीमार बनाने की भी शुरुआत है। आइए जानें इस बारे में कुछ जरूरी बातें और इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

क्यों कम होती जा रही है संतुष्टि और खुशी ?
आंतों में छोटी छोटी कोशिकाएं हैं, जो सेरोटोनिन नामक हार्मोन के उत्सर्जन में सहायक होती हैं। यही रसायन हमारी संतुष्टि और खुशी से संबंधित है। ऐसे में आंत स्वस्थ रहने का अर्थ है शरीर में सेरोटोनिन नामक हार्मोन संतुलन का भी बना रहना।

मानसिक सेहत को बनाए रखने के लिए जिस दवा का प्रयोग किया जाता है उसमें भी सेरोटोनिन को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। यदि आप तेल-मसाला या नमक, चीनी की मात्रा अधिक लेते हैं तो आंतों में मौजूद सेरोटोनिन नामक हार्मोन को निकालने वाली कोशिकाएं नष्ट होनी शुरू हो जाती हैं।

भोजन के साथ है तन-मन का संबंध
खानपान अच्छा नहीं है तो तनाव भी जल्दी होता है। ऐसे लोग छोटी घटना या बात को बड़ा महसूस करने लगते हैं। इससे कार्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है। इससे मधुमेह, हाइपरटेंशन आदि गंभीर बीमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।

उपयोगी टिप्स
एरोबिक व्यायाम जैसे, जागिंग, स्वीमिंग आदि करें ताकि प्राकृतिक रूप से खुश रखने वाले हार्मोन एंडॉफिन को बढ़ावा मिले।
स्ट्रेस हार्मोन कार्टिसोल का स्तर कम करने के लिए पर्याप्त नींद जरूरी है, पर खानपान को भी सही रखना होगा।
तनाव अधिक महसूस हो तो पीठ को सीधा रखें और शरीर के ऊपरी भाग में खिंचाव लाएं और इसे दो मिनट इसी तरह रखकर सांस छोड़ें। इससे 60 प्रतिशत तक तनाव कम करने में मदद मिल सकती है।

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