मतदाता सूची में अब नहीं होगी गड़बड़ी! चुनाव आयोग ने शुरू की नई पहल

चुनाव से जुड़ी छोटी- छोटी त्रुटियों को लेकर चुनाव आयोग अक्सर राजनीतिक दलों के निशाने पर रहता है। हालांकि अब चुनाव आयोग ने इन कमियों को खत्म करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू कर दिया है।
क्या हैं समस्याएं?
चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान अक्सर होने वाली इन त्रुटियों का पहचान की, जिसमें अधिकांश बूथ लेवल पर गठित होने वाली हैं। यह चाहे मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया हो या फिर मतदान के दौरान ईवीएम के रखरखाव, उनके लाने -ले जाने या फिर मॉक पोल, मतदान प्रतिशत आदि से जुड़ी हुई समस्याएं हो सकती हैं। यही वजह है कि आयोग ने इस अभियान की शुरूआत भी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) और बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) के प्रशिक्षण से शुरू की है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग की मानें तो चुनाव से जुड़ी प्रत्येक प्रक्रियाओं को लेकर एक तय नियम हैं। चुनाव में दौरान इनमें तभी कोई गड़बड़ी होती है जब इनमें से किसी स्टेप का ठीक तरीके से पालन नहीं किया जाता है। आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक चुनाव के दौरान होने वाले अधिकांश ऐसी छोटी-छोटी त्रुटियां हैं, जिन्हें कोई भी जानबूझ कर नहीं करता था बल्कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।
50 हजार से अधिक लोगों को मिलेगा प्रशिक्षण
हाल ही में बीएलओ व बीएलए के शुरु हुए प्रशिक्षण में इन कमजोरियों को नजदीक से देखा भी गया। आयोग के मुताबिक बूथ लेवल पर काम करने वाले अमले और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को चुनावी नियम-प्रक्रियाओं को लेकर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस साल के अंत तक बूथ लेवल पर काम करने लाले 50 हजार से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है।
मतदाता सूची पर होगा फोकस
चुनाव आयोग का इस दौरान सबसे ज्यादा फोकस मतदाता सूची से जुड़ी त्रुटियों को खत्म करने पर है। यही वजह है कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान प्रत्येक बूथ पर राजनीतिक दलों से जुड़े प्रतिनिधियों की उपस्थिति को आयोग सुनिश्चित करने में जुटा है। इसके साथ ही मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन से पहले उस पर राजनीतिक दलों की आपत्तियों को आमंत्रित करने की पहल की है। यह पहल बूथ, जिला, राज्य व केंद्र स्तर पर होगी। इसके बाद ही उनकी सभी आपत्तियों के निराकरण के बाद ही उसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
89 शिकायतें मिली
गौरतलब है कि हाल ही में मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा काफी गरमाया हुआ था, लेकिन मतदाता सूची तैयार करने के दौरान देश भर से सिर्फ 89 शिकायतें ही मिली थी। वे सभी महाराष्ट्र से थी। चुनाव आयोग ने अब इन शिकायतों पर काम करने का फैसला किया है।