भिवानी मनीषा मौत मामला: सीबीआई के सील किए खेत में किसान ने नहीं की बिजाई

मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी सीबीआई टीम भले ही दिल्ली लौट चुकी है लेकिन जिस खेत में मनीषा का शव मिला था वह अब भी टेपिंग से सील कर सुरक्षित रखा गया है। जांच एजेंसी की ओर से यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि कोई भी साक्ष्य प्रभावित न हो। उल्लेखनीय है कि 13 अगस्त को सिंघानी नहर के पास खेत में मनीषा का शव मिला था जिसके बाद से ही जांच एजेंसी लगातार सक्रिय है।
मामला सीबीआई के पास पहुंचने के बाद इस स्थान को टेपिंग से सील कर दिया गया था और अब तक एजेंसी सात बार इस जगह का मुआयना कर चुकी है। खेत मालिक ईश्वर के परिवार ने भी इस जगह को छोड़कर बाकी खेतों में रबी सीजन की बिजाई के लिए जुताई कर दी है।
शुक्रवार को मनीषा के पिता संजय ने सीबीआई अधिकारियों से फोन पर बातचीत की। अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि तीन से चार दिन में टीम फिर से भिवानी लौटेगी। फिलहाल केस की जांच जारी है। तीन सितंबर से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और अब तक एजेंसी के अधिकारी तीन बार दिल्ली लौट चुके हैं।
इस बार उनके दिल्ली लौटने के पीछे कारण उच्चाधिकारियों से विचार-विमर्श और नए तथ्यों पर मंथन करना माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली मुख्यालय में बैठे अधिकारी भी लगातार जांच अधिकारियों से अपडेट लेते रहे हैं। अब टीम के लौटने के बाद क्या नया खुलासा होगा यह उनके अगले दौरे में स्पष्ट होगा।
मनीषा के पिता संजय बोले : सीबीआई अधिकारी लौटे लेकिन जांच जारी
गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया कि उसकी बेटी मनीषा के मौत मामले की जांच सीबीआई कर रही है। भले ही जांच अधिकारी दिल्ली लौट गए हैं लेकिन जांच प्रक्रिया रुकी नहीं है। संजय ने बताया कि फोन पर हुई बातचीत में सीबीआई अधिकारियों ने भरोसा दिलाया है कि वे तीन से चार दिन में फिर से भिवानी आएंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उच्चाधिकारी इस केस को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं।
13 अगस्त को सिंघानी नहर के पास मिला था मनीषा का शव
11 अगस्त को घर से निकली 19 वर्षीय मनीषा का शव 13 अगस्त को सिंघानी नहर के पास मिला था। वह सिंघानी नर्सिंग कॉलेज में दाखिला लेने गई थी जिसके बाद परिजनों से उसका संपर्क टूट गया था। लोहारू पुलिस ने 12 अगस्त को मनीषा के लापता होने का केस दर्ज किया जबकि 14 अगस्त को परिजनों ने नागरिक अस्पताल में शव रखकर धरना दिया था। इसके बाद 18 अगस्त को ढाणी लक्ष्मण गांव में पक्का पड़ाव पर प्रदेशभर से लोग जुटे। 20 अगस्त को मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी और 21 अगस्त को मनीषा का अंतिम संस्कार किया गया।





