भारतीय पर्यटकों से ताइवान की राष्ट्रपति हिंदी में बोलीं
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आंकड़ों के मुताबिक यहां 2016 में 1.069 करोड़ विदेशी लोग आए, जो 2015 के मुकाबले 2.4 फीसदी ज्यादा हैं। ताइवान के पर्यटन ब्यूरो का कहना है कि दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से पयर्टकों की संख्या में वृद्धि का एक कारण वीजा नियमों में ढील देना भी है। हालांकि ताइवान जाने वाले लोगों में भले ही अब भी सबसे ज्यादा पर्यटक चीन से हैं, लेकिन 2015 की तुलना में 2016 के भीतर चीन के पर्यटकों की तादाद 16.1 प्रतिशत कम रही, जबकि जापानी सैलानियों की संख्या में 16.5 प्रतिशत वृद्धि हुई।
चीन से खिंचा हुआ है ताइवान
ताइवान जाने वाले चीनियों की संख्या में कमी का एक कारण हाल में उनके बीच संबंधों में आया तनाव हो सकता है। पिछले साल जून में राष्ट्रपति साई ने ‘एक चीन’ की नीति का समर्थन करने से इंकार कर दिया था. तब से ताइवान और चीन के बीच संबंधों में दरार बढ़ गई है। चीन और ताइवान के रिश्ते हमेशा जटिलताओं का शिकार रहे हैं। ताइवान 1950 से स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश की हैसियत से अस्तित्व में है, लेकिन चीन उसे अपना हिस्सा समझता है।