भारतीय ने US में खड़ी की कंपनी, सिस्को ने लगाई 3.7 बिलियन डॉलर की बोली!

दिल्ली के आईआईटी ग्रेजुएट ज्योति बंसल ने अमेरिका में अपनी 8 साल पुरानी कंपनी एेपडायनमिक्स को 3.7 बिलियन डॉलर में सिस्को को बेच दिया है।बंसल के पास कंपनी की 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उन्हें अब 520 मिलियन डॉलर यानी 3400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
एेप डायनमिक्स द्वारा खुद का आईपीओ लॉन्च करने की घोषणा के एक दिन पहले यह एेलान हुआ है, जिसमें कंपनी की वैल्यू 2 बिलियन डॉलर लगाई गई थी। कंपनी ने पिछले राउंड में जो फंडिंग की थी, उससे उसकी वैल्यू 1.9 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। इसके बाद सिस्को इसकी दुगनी कीमत देने को राजी हो गया।
बंसल ने 1999 में दिल्ली के आईआईटी से ग्रेजुएशन की थी। इसके बाद वह अमेरिका चले गए। फोर्ब्स मैग्जीन में छपे एक आर्टिकल मेंकहा गया कि बंसल के पिता ने उन्हें 200 डॉलर दिए थे, ताकि वह सिलिकॉन वैली जा सकें। ब्लॉग में बंसल ने कहा कि वह जानते थे कि उन्हें एक आंत्रप्रेन्योर बनना है, जबकि वह भारत में बिजनेस संभाल रहे पिता की मदद कर रहे होते थे। बंसल समुदाय का कहना है कि ज्योति के लिए सॉफ्टवेयर एक पैशन था, एक जादू की मिट्टी को कई परेशानियों को ठीक कर सकती है।
ग्रेजुएशन के बाद बंसल एच-1बी वीजा पर कुपरटीनो चले गए, जहां उन्होंने एक स्टार्टअप के साथ शुरुआत की। अपने ग्रीन कार्ड के लिए उन्हें 8 साल इंतजार करना पड़ा। 2016 में फोर्ब्स को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, ग्रीन कार्ड पाने के लिए मुझे 7 साल से ज्यादा का इंतजार करना पड़ा। मैं अपनी नौकरी छोड़कर एक नई कंपनी शुरू करना चाहता था, लेकिन मैं कर नहीं सकता था।
साल 2005 में बंसल ने विली टेक्नॉलीज में बतौर आर्किटेक्ट नौकरी कर ली। 2006 में कंप्यूटर असोसिएट्स नाम की कंपनी ने इसे खरीद लिया और दो साल बाद बंसल ने इस कंपनी को छोड़कर खुद की कंपनी एेप डायनमिक्स शुरू की। बंसल के शुरुआती दिन संघर्ष भरे रहे क्योंकि उन्हें बिजनेस को सेटअप करना था। उन्हें पूंजी लगाने में दिलचस्पी रखने वालों को मनाने के लिए कई बार सिलिकॉन वैली जाना पड़ा।
एक ब्लॉग में उन्होंने कहा कि कई बार उन्हें रातें सैन फ्रांसिस्को की सड़कों पर गुजारनी पड़ीं। 5 मिलियन डॉलर का पहला फंड मिलने से पहले उन्हें 20 बार खारिज किया गया। इसके साथ ही बंसल ने अपने दोस्त भास्कर सुनकारा को भी इस बिजनेस में शामिल होने के लिए मना लिया। आज एेपडायनमिक्स 900 कर्मचारियों वाली एक कंपनी है, जो सॉफ्टवेयर बनाती है। माना जाता है कि 2017 में वह पहली टेक कंपनी है, जो खुद का आईपीओ लेकर आई थी।