भारतीय-चीनी सैनिकों की झड़प पर ड्रैगन ने कहा- हमारे सैनिक शांति के लिए प्रतिबद्ध
बीजिंग. चीन
ने सोमवार को चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हालिया झड़प पर प्रतिक्रिया
देते हुए कहा कि उसके सैनिक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के
लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने
हालिया झड़पों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि दोनों देशों को अपने
मतभेदों को ठीक से संभालना चाहिए और उनका प्रबंधन करना चाहिए.
उन्होंने कहा,
चीनी सीमा सैनिक हमेशा हमारे सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखते रहे हैं.
चीन और भारत सीमा मामलों के संबंध में मौजूदा माध्यम के जरिए संचार और
समन्वय में रहते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या पांच और छह मई को हुई झड़पें
चीन की कोविड-19 प्रकोप के बाद आक्रामक रुख को दर्शाती हैं, इस पर झाओ ने
कहा कि यह मनगढ़ंत धारणा आधारहीन है. उन्होंने कहा, यह साल भारत और चीन के
बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70वें वर्ष को स्थापित करता है, और
दोनों ही देशों ने कोविड-19 के खिलाफ लडऩे के लिए हाथ मिलाया है.
उन्होंने आगे
कहा कि ऐसी परिस्थितियों में दोनों पक्षों को एक दूसरे के साथ मिलकर काम
करना चाहिए और मतभेदों को ठीक से प्रबंधित करना चाहिए और सीमा क्षेत्र में
शांति और स्थिरता को बनाए रखना चाहिए, ताकी, हमारे द्विपक्षीय संबंधों के
साथ-साथ कोरोना वायरस के खिलाफ संयुक्त लड़ाई के लिए सक्षम स्थिति पैदा हो.
कोरोना वायरस महामारी के बाद चीन के रुख में किसी भी बदलाव की खबरों को
खारिज करते हुए, झाओ ने कहा, कोविड-19 के प्रकोप के बाद से, चीन और भारत
संयुक्त रूप से चुनौतियों का सामना करने के लिए रोकथाम और नियंत्रण पर निकट
संचार और सहयोग में रह रहे हैं. उन्होंने कहा, अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के
लिए सबसे प्रमुख मुद्दा कोविड-19 के खिलाफ एकजुटता और सहयोग है. हमें अधिक
मतभेद या टकराव पैदा करने के लिए किसी भी राजनीतिकरण या कलंक की अनुमति
नहीं देनी चाहिए.
भारत और चीन के
सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में नाकू ला पास के पास
हाल ही में दो बार झड़प हो चुकी है, जिसमें दोनों पक्षों के कई सैनिक घायल
हो गए. पहली घटना में, 5 मई की देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के
उत्तरी किनारे पर भारतीय और चीनी सेना के जवानों के साथ झड़पें हुईं और
दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद अगले दिन सुबह आमने-सामने की स्थिति
समाप्ति हुई. सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के सैनिकों ने मामूली चोटों
का सामना किया, क्योंकि इस दौरान दोनों ही सेनाओं ने एक दूसरे को मुक्का
मारा और पथराव का सहारा लिया. सूत्रों ने कहा कि लगभग 200 कर्मियों को
शामिल किया गया.
वहीं, एक अलग
घटना में, लगभग 150 भारतीय और चीनी सैन्यकर्मी चीन-भारत सीमा के सिक्किम
सेक्टर में नाकू ला पास के पास आमने-सामने लगे थे, जिसमें कम से कम 10
सैनिक घायल हुए थे. भारत और चीन की सेनाएं 2017 में डोकलाम त्रिकोणीय
जंक्शन में 73 दिनों के स्टैंड-ऑफ में लगी थीं, जिससे दोनों पड़ोसियों के
बीच युद्ध की आशंका पैदा हो गई थी. दरअसल भारत-चीन सीमा विवाद 3,488
किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को कवर करता है, जो दोनों देशों के
बीच वास्तविक सीमा है