भारत से लौटीं कनाडाई विदेश मंत्री बोलीं-दोनों देशों की सार्थक बातचीत जारी

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने कहा है कि भारत और कनाडा के बीच कानून प्रवर्तन और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर “उपजाऊ और रचनात्मक बातचीत” चल रही है। उन्होंने बताया कि यही वजह है कि कनाडा सरकार ने हाल ही में लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकी संगठन घोषित किया है।

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद हाल ही में (12 से 14 अक्तूबर) भारत दौरे पर थीं। वहीं अब उन्होंने कहा है कि भारत के साथ कानून प्रवर्तन के मुद्दे पर सार्थक बातचीत चल रही है। मंगलवार को (21 अक्तूबर) सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार विदेश मंत्री ने कहा कि जन सुरक्षा के मामले अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इसीलिए कनाडा ने बिश्नोई गिरोह को आतंकवादी संगठन घोषित किया है।

उन्होंने कहा, “अगर आप दोनों देशों के बीच जारी संयुक्त बयान को देखें तो उसकी पहली ही पंक्ति कानून प्रवर्तन से जुड़ी चिंताओं पर केंद्रित है। दोनों देशों की सरकारों के अधिकारियों के बीच बेहद उत्पादक बातचीत चल रही है। ऐसा संयुक्त बयान पहले कभी जारी नहीं हुआ जैसा हमने सोमवार को किया।”

जन सुरक्षा हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर-कनाडा

कनाडाई विदेश मंत्री ने सीबीसी न्यूज से बात करते हुए बताया, “अगर आप उस संयुक्त बयान के शब्दों पर गौर करें तो वह प्रभावशाली है। अगर आप विदेश मंत्री जयशंकर, मेरे समकक्ष विदेश मंत्री के शब्दों पर गौर करें, तो वे भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि कानून प्रवर्तन महत्वपूर्ण है। इसलिए पहली बार हम भारत के साथ एक बहुत ही रचनात्मक नीति-उन्मुख बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जन सुरक्षा हमारे एजेंडे में सबसे ऊपर रहे।”

बिश्नोई गैंग पर भी दिया बयान

आनंद ने बताया कि कानून का शासन हर समय कायम है, क्योंकि गिरोह की पुलिस जांच जारी है। अपने बयान में विदेश मंत्री ने कहा, “हमने जन सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए बिश्नोई गैंग को कनाडाई कानून में एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है। और अंत में मैं और आप भी जानते हैं कि आरसीएमपी की जांच जारी है और यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद जरूरी है कि कानून का शासन हमारी सरकार की किसी भी अन्य नीति से अप्रभावित और दृढ़ बना रहे।”

सामान्य स्थिति में लौटना अभी संभव नहीं-कनाड़ा

उन्होंने सीबीसी न्यूज को आगे बताया कि वे अभी सामान्य स्थिति में नहीं लौटे हैं, क्योंकि जन सुरक्षा के कई मुद्दे हैं जिनका समाधान किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम सामान्य स्थिति में नहीं लौट रहे हैं। सामान्य स्थिति में लौटने का मतलब कानून प्रवर्तन संवाद नहीं होगा। सामान्य स्थिति में लौटने में बिश्नोई गिरोह को सूचीबद्ध करना शामिल नहीं होगा। सामान्य स्थिति में लौटने में स्वतंत्र आरसीएमपी जांच शामिल नहीं होगी। सामान्य स्थिति में लौटने का मतलब हर मोड़ पर कनाडा की जनता की सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी चिंताओं को उठाना नहीं होगा। इसलिए सामान्य स्थिति में लौटना अभी संभव नहीं है। हम हर समय यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सार्वजनिक सुरक्षा संबंधी चिंताएं एजेंडे में सबसे ऊपर रहें।”

इससे पहले 3 अक्टूबर को भारत के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की थी कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने अपने कनाडाई समकक्ष नाथाली ड्रॉइन से मुलाकात की थी। दोनों पक्षों ने आतंकवाद-रोधी सहयोग, संगठित अपराध और खुफिया आदान-प्रदान पर रचनात्मक चर्चा की और सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई।

बिश्नोई गिरोह का हाल ही में जोड़ा

कनाडाई सरकार ने अपने बयान में कहा कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का कनाडा में प्रभाव है और यह हत्या, गोलीबारी, आगजनी और धमकियों जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। यह गिरोह प्रवासी भारतीय समुदायों में डर का माहौल पैदा करता है और उनके प्रमुख सदस्यों, कारोबारियों और सांस्कृतिक हस्तियों को निशाना बनाता है। कनाडा के आपराधिक कानून के तहत अब कुल 88 आतंकी संगठन सूचीबद्ध हैं, जिनमें बिश्नोई गिरोह का नाम हाल ही में जोड़ा गया है।

चीन के साथ व्यापार पर दिया बयान

वहीं कनाडा की विदेश मंत्री ने चीन के साथ व्यापार पर भी अपनी राय रखी। अनीता आनंद ने कहा है कि कनाडा और चीन के बीच व्यापारिक संबंध “परस्पर निर्भरता” पर आधारित हैं और दोनों देशों के बीच लगभग 118 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है। उन्होंने कहा कि कनाडा के पास भी ऐसे सामान हैं, जिनकी चीन को जरूरत है।

उन्होंने कहा, “तो, यह स्पष्ट कर दूं कि चीन के साथ हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 118 अरब डॉलर का है। वे हमारे दूसरे सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं। मैंने अपनी द्विपक्षीय बातचीत के दौरान इन मुद्दों को उठाया।” आनंद ने कहा कि कनाडा का लक्ष्य क्षेत्रीय शुल्कों को हटाना और एक व्यावहारिक समाधान ढूंढना है, न कि अस्थायी समाधान।

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