भारत को कालेधन की जानकारी देने के लिए राजी हुआ स्विस बैंक, जानिए कैसे मिलेगी जानकारी

कालेधन के खिलाफ भारत और स्विट्जरलैंड के बीच सहयोग नए मुकाम पर पहुंच गया है। स्विट्जरलैंड की एक अहम संसदीय समिति ने भारत के साथ कालेधन पर बैंकिंग सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत भारतीयों के स्विस बैंक खातों की स्वचालित व्यवस्था के तहत सूचना मिलेगी। भारत को कालेधन पर जानकारी देने के किये राजी हुआ स्विस बैंक, जानिए कैसे मिलेगी जानकारी
स्विट्जरलैंड संसद के उच्च सदन की आर्थिक और कर मामलों की एक समिति ने भारत और 40 अन्य देशों के साथ इस संबंध में प्रस्तावित समझौते को अपनी स्वीकृति दे दी है। हालांकि समिति ने व्यक्तिगत कानूनी दावों के प्रावधानों को मजबूत करने का भी सुझाव दिया है।

दो नवंबर को हुई अंतिम बैठक के अनुसार, समिति ने स्विस सरकार को संसद में एक कानून संशोधन प्रस्ताव रखने को कहा है, जो निजी कानूनी संरक्षण को मजबूत करने वाला हो। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि ऐसे किसी मामले में, जहां व्यक्तिगत दावे के आवश्यक कानूनी अधिकार का उल्लंघन हो रहा हो, उनमें सूचनाओं का आदान-प्रदान नहीं होना चाहिए।

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प्रस्ताव को अब मंजूरी के लिए 27 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में उच्च सदन में रखा जाएगा। इस समझौते से स्विट्जरलैंड से काला धन रखने वालों के बारे में लगातार ब्योरा मिल सकेगा। इसके तहत खाता संख्या, नाम, पता, जन्मतिथि, कर पहचान संख्या, ब्याज, लाभांश, बीमा पॉलिसी से प्राप्ति, खाते में शेष और वित्तीय परिसंपत्तियों की बिक्री की जानकारी मिल सकेगी।

ऐसे काम करेगी व्यवस्था

यदि किसी भारतीय का स्विस बैंक में खाता है तो संबंधित बैंक वहां के अधिकारियों को खाते का वित्तीय ब्योरा देगा। इसके बाद स्विस अधिकारी स्वत: तरीके से इन सूचनाओं को भारत में अपने समकक्षों को भेजेंगे जो इसकी जांच कर सकेंगे।

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अगले साल से लागू होगा

यह समझौता अगले साल से लागू होगा और सूचनाओं का आदान-प्रदान 2019 से शुरू हो जाएगा। भारत के साथ सूचनाओं की स्वचालित व्यवस्था के प्रस्ताव को स्विट्जरलैंड की संसद के निचले सदन नेशनल काउंसिल ने सितंबर में ही मंजूरी दे दी थी।

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