भारत के ऐसे 8 अनछुए स्थल, जहां सिर्फ 1% लोग ही पहुंच पाते हैं

भारत को हम अक्सर पहाड़, समुद्र और जंगलों में बांटकर देखते हैं, लेकिन सच यह है कि इस देश की सबसे खूबसूरत जगहें अभी भी भीड़ से दूर, चुपचाप अपनी कहानी कह रही हैं। ये वे स्थान हैं, जहां सिर्फ एक फीसदी लोग ही कभी कदम रखते हैं और शायद यही कारण है कि इनकी सुंदरता आज भी असली और अनछुई है। यह यात्रा उन जगहों की है जहां पहुंचकर लगता है जैसे समय थम गया हो। जवा हवा की आवाज संगीत की धुन में सुनाई देती है और पहाड़-झीलें अपनी भूली-बिसरी दास्तानें सुना रही हों।

भारत में स्थित इन छुपी हुई जगहों पर पर्यटन इसलिए कम है क्योंकि यह जगहें दूर दराज के इलाकों में स्थिति हैं। यहां परिवहन के सीमित संसाधन है और इनके बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। कह सकते हैं कि प्रकृति ने इन स्थलों को सिर्फ जिज्ञासु यात्रियों के लिए बचाकर रखा है। ये वे जगहें हैं जहां पहुंचकर आप महसूस करते हैं कि यात्रा सिर्फ घूमना नहीं, महसूस करना है।

बांसवाड़ा

राजस्थान का बांसवाड़ा झीलों, पहाड़ियों और आदिवासी संस्कृति का शहर है। राजस्थान की रेत के बीच छिपा यह हरा-भरा चमत्कार “सौ द्वीपों का शहर” कहा जाता है। बांसवाड़ा अपने शांत झीलों, लहराती पहाड़ियों और रंगीन आदिवासी जीवन से एक अलग ही दुनिया रचता है। यहां की सुबह झीलों पर तैरते सफेद पक्षियों की तरह कोमल है और रातें आदिवासी गीतों की धुन में डूबी हुई। यहां के माही डैम, मंदिर, कगाडी पिक अप वियर और अनगिनत छोटे द्वीपों की यात्रा किसी सपने से कम नहीं।

लोकटक झील

लोकटक झील सिर्फ झील नहीं, प्रकृति की एक अनोखी रचना है। मणिपुर के लोकटक में तैरते हुए द्वीप को फुमदी कहा जाता है। यह दुनिया में एकमात्र ऐसा द्वीर है जो नदी में तैर रहा है। लोकटक झील केइबुल लामजाओ राष्ट्रीय उद्यान का घर है जहां संकटग्रस्त संगाई हिरण तैरते जंगलों के बीच अपना जीवन जी रहे हैं। यह जगह आपको बताती है कि सादगी कितनी दिव्य हो सकती है।

स्पीति वैली

इसे हिमालय का ठंडा रेगिस्तान कहा सकता है। स्पीति सिर्फ एक जगह नहीं, एक अनुभव है। पत्थरों की दीवारों जैसे पहाड़, सदियों पुराने मठ, नीली क्रिस्टल झीलें और रात का वह आसमान जहां तारों भीड़ होती है। चंद्रताल की मॉनेस्ट्री, काजा, धानकर यह सब मिलकर स्पीति को भारत के सबसे अविस्मरणीय रोमांचों में बदल देते हैं।

माजुली

ऐसा लगता है कि असम के माजुली में नदी के बीच एक सांस्कृतिक संसार बसा है। यह ब्रह्मपुत्र की गोद में स्थित दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप है। यहां समय धीमे बहता है, जैसे नदी खुद आपको अपने साथ बहा रही हो। संस्कृति, शांत मठ, मिट्टी के घर और लोकगीत एहसास कराते हैं कि माजुली की सभ्यता सिर्फ शहरों में ही नहीं, पानी की धाराओं के बीच भी फैली है।

पुग़ा वैली

अगर आप सच में “अनदेखा भारत” देखना चाहते हैं तो लद्दाख के पुग़ा वैली चलिए। उबलते गर्म झरने, भाप से भरे धुआं छाए मैदान और दूर तक फैला हिमालय आपका मन मोह लेगा। यह स्थान धरती के अंदर छिपी आग और बाहर बिखरी बर्फ के अनोखे संगम जैसा है। यहां आकर लगता है कि प्रकृति खुद प्रयोगशाला खोलकर बैठी है।

तवांग

तवांग की अरुणाचल प्रदेश की शांत आध्यात्मिक घाटी है। तवांग की बर्फ से ढकी चोटियां, सदियों पुराने तवांग मठ और पहाड़ी हवा की शांति आपको भीतर तक बदल देती है। यहां लोग कम आते हैं, शायद इसलिए यह उतना ही पवित्र बना हुआ है। यहाँ की सुबहें प्रार्थनाओं की गूंज से जगती हैं और शामें हिमालय की गोद में खो जाती हैं।

ओरछा

मध्य प्रदेश में स्थित इस शांत ऐतिहासिक रियासत की सैर बेहद कम लोग ही करते हैं। इस कारण इसकी खूबसूरती अधिक महसूस करने का मौका मिल पाता है। ओरछा उतना ही खूबसूरत है जितना वह अनकहा है। यहां का रानी महल, जहांगीर महल, बेतवा नदी के घाट और शांत मंदिर सब मिलकर आपको 500 साल पुराने भारत में ले जाते हैं। यह उन जगहों में से है जहाँ इतिहास सिर्फ दीवारों में नहीं, हवा में भी तैरता है।

गोकर्ण

जब गोवा की भीड़ से मन ऊब जाए तो कर्नाटक के शांत समुद्री आश्रय गोकर्ण की ओर रुख करें। यहां का ओम बीच, कुडले बीच, प्राचीन मंदिर और बैकपैकर कल्चर इस जगह को आधा आध्यात्मिक, आधा बोहेमियन बना देते हैं। लहरों की आवाज, सूरज ढलने की लालिमा और शहर से दूर की शांति गोकर्ण में छुट्टी का असली अर्थ समझाता है।

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