ब्रिटेन की आर्थिकी को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है भारत, द्विपक्षीय कारोबार में होगी रिकॉर्ड बढोतरी

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा है कि भारत इस अनिश्चितता के समय में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
केंद्रीय मंत्री ने कही ये बात
लंदन में इंडिया ग्लोबल फोरम (आइजीएफ) को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत स्थायित्व, तीव्र विकास और अत्यंत शांतिपूर्ण लोगों का देश है जो विश्वभर में जाना जाता है। पूरी दुनिया में चार करोड़ भारतीय हैं जो अपनी प्रतिभा और कौशल के लिए जाने जाते हैं।
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर बोले पीयूष गोयल
इंडिया ग्लोबल फोरम में भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बोलते हुए गोयल ने कहा कि इसे मुफ्त में दिया जाने वाला सामान कहना अनुचित है। भारतीय जब यहां आते हैं तो वे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में मूल्य जोड़ते हैं।
आगे कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे हमने नई सरकार के आने के बाद उठाया है। यह पिछले तीन वर्षों से चर्चा में है। एफटीए के तहत भारत 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करेगा, जिसमें से 85 प्रतिशत दस वर्षों की अवधि में पूरी तरह से शुल्क मुक्त हो जाएंगे।
भारत और ब्रिटेन ने एफटीए वार्ता पूरी होने पर सहमति जताई
वहीं, ब्रिटेन ने कुछ उत्पादों पर अपने टैरिफ को कम करने पर सहमति व्यक्त की है। इसका परिणाम यह होगा कि ब्रिटेन को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। भारत और ब्रिटेन ने गत छह मई को ही एफटीए वार्ता पूरी होने पर सहमति जताई थी। इससे वर्ष 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 120 अरब डॉलर होने का अनुमान है।
आगे कहा कि यह ऐसा मुद्दा नहीं है जिसे हमने नई सरकार के आने के बाद उठाया है। यह पिछले तीन वर्षों से चर्चा में है। एफटीए के तहत भारत 90 प्रतिशत ब्रिटिश वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करेगा, जिसमें से 85 प्रतिशत दस वर्षों की अवधि में पूरी तरह से शुल्क मुक्त हो जाएंगे।
भारत और ब्रिटेन ने एफटीए वार्ता पूरी होने पर सहमति जताई
वहीं, ब्रिटेन ने कुछ उत्पादों पर अपने टैरिफ को कम करने पर सहमति व्यक्त की है। इसका परिणाम यह होगा कि ब्रिटेन को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। भारत और ब्रिटेन ने गत छह मई को ही एफटीए वार्ता पूरी होने पर सहमति जताई थी। इससे वर्ष 2030 तक दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार 120 अरब डॉलर होने का अनुमान है।