ब्रह्मपुरः आमने सामने हैं दो दिग्गज परिवार , राजद को मिल सकता है लाभ
September 28, 2015
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ऐसे में यह लड़ाई एनडीए बनाम महागठबंधन की बजाए एनडीए बनाम बागी एनडीए बीच ज्यादा हो गया है। इसका लाभ महागठबंधन को मिलने की कयास लगाई जा रही है। ब्रह्मपुर विधान सभा पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है
यहां से पार्टी के भीष्म पिता कहे जाने वाले स्व कैलाश पति मिश्र की बहू दिलमानो देवी भाजपा की सिटिंग विधायक हैं। लेकिन पार्टी ने दिलमानो देवी का टिकट काट कर उनकी जगह सीपी ठाकुर के बेटे विवेक ठाकुर को इस बार टिकट दिया है।
इससे खफा दिलमानो देवी ने भी विद्रोह कर दिया है। पहले वे अपनी बात पार्टी आला कमान को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब आला कमान ने उनकी बात नहीं सुनी तो वे विरोध का बिगुल फूंकते हुए बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी समर कूद पड़ी हैं।
राजद का रहा था 15 वर्षो तक इसपर कब्जा
बक्सर और भोजपुर के सीमा से सटे ब्रह्मपुर विधान सभा। इस सीट पर पिछले 15 सालों से राजद का कब्जा था। 1995 से 2010 तक अजीत चौधरी यहां से विधायक हुआ करते थे। 1995 से पहले 1990 के चुनावों में इस सीट पर बीजेपी के टिकट से स्वामीनाथ तिवारी जीते थे। इसके बाद से पार्टी को इस सीट से लगातार अजीत चौधरी के हाथो हार का सामना करना पड़ा था। 15 साल बाद स्व कैलाश पति मिश्र की बहू और भाजपा प्रत्याशी दिलमानो देवी ने यहांं से विजयी हुई।
आमने सामने हैं
भाजपा के दो दिग्गज परिवार इस सीट पर आमने सामने है। भाजपा के भीष्मपिता स्व कैलाश पति मिश्र की बहू और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के पुत्र के चुनाव मैदान में होने के कारण भाजपा कार्यकर्ता भी असमंजस्य में हैं।
वे फिलहाल तय नहीं कर पा रहे, किसके लिए प्रचार करें। महागठबंधन की ओर से भी अजित चौधरी की जगह शंभू नाथ को टिकट देने से यहां पर विरोध हो रहा है। ऐसे में यहां पर एनडीए बनाम महागठबंधन की बजाए एनडीए बनाम बागी एनडीए बीच ज्यादा हो गया है।
बगावत
बीजेपी की सिटिंग विधायक दिलमानो देवी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। सिटिंग विधायक दिलमानो कैलाशपति मिश्र की तस्वीर के साथ ब्रह्मपुर की जनता से समर्थन मांग रही है। दिलमानो ने भाजपा के वरीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि हमने कभी टिकट नहीं मांगा, जबरन हमें पिछली बार घर से निकालकर चुनाव लड़ावाया गया।
इस बार जब हमने कड़ी मेहनत कर भाजपा के लिए मैदान तैयार कर दिया तो टिकट ही काट दिया गया। दिलमानो ने कहा कि कैलाश जी जब जिन्दा थे तो आज के दिग्गज मेरे दरवाजे पर पड़े रहते थे, लेकिन आज वे दिल्ली में हमसे मिलने से इनकार कर दिया।
समीकरण
भाजपा ने विवेक ठाकुर को इस क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन उनके लिए यह सीट जीतना आसान नहीं है। इसका बड़ा कारण विवेक के बाहरी होना है। सीपी ठाकुर के पुत्र विवेक ने इससे पहले भी इस सीट से अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन जनता ने उन्हे सिरे से नकार दिया था। 2005 के चुनाव में विवेक को राजद के उम्मीदवार अजीत चौधरी ने हराया था। इसके बाद विवेक कुछ दिन के लिए विधान परिषद के सदस्य भी बने, लेकिन वे यहां से अपना कोई नाता नहीं रखा। पिता के राजनीतिक वजूद के कारण विवेक एक बार फिर से इस सीट से ताल ठोका है, यह तो अब समय ही बताएगा की परिणाम क्या होगा।
जातिगत समीकरण
ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र का जातिगत समीकरण काफी दिलचस्प है. क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोटर तो भूमिहार जाति के हैं, लेकिन इसके बावजूद भी क्षेत्र से लगभग 15 सालों से पिछड़ी जाति का उम्मीदवार जीतता रहा। क्षेत्र में वोटरों की बात की जाए तो सबसे ज्यादा भूमिहार और फिर इसके बाद यादव मतदाताओं की संख्या है। इसके अलावा इलाके में पिछड़ा वर्ग से आने वाले वोटरों की संख्या भी जीत-हार के अंतर में अहम योगदान रखती है।
September 28, 2015
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