बोधगया के सर्वजीत को बड़ी जिम्मेदारी, राजद ने बनाया विरोधी दल का मुख्य सचेतक

राजद विधायक दल की बैठक में बोधगया से लगातार तीसरी बार विजयी हुए पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को विरोधी दल का मुख्य सचेतक चुना गया। निर्णय की खबर मिलते ही गया जी जिले में कार्यकर्ताओं में उत्साह छा गया और जगह-जगह मिठाइयां बांटी गईं।
बिहार के गया जी जिले के बोधगया विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीसरी बार जीतकर आए राजद विधायक सह पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को राजद विधायक दल की बैठक में विरोधी दल का मुख्य सचेतक चुना गया। यह फैसला पटना में आयोजित विधायक दल की बैठक में लिया गया। निर्णय की जानकारी मिलते ही बोधगया सहित पूरे गया जिले में राजद कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई। कई स्थानों पर कार्यकर्ताओं ने मिठाइयां बांटकर इस उपलब्धि को गयाजी की बड़ी पहचान बताया। इस बीच कुमार सर्वजीत भी पटना से बोधगया अपने निजी आवास लौट आए हैं।
कार्यकर्ताओं ने कहा कि दलित परिवार से आने वाले कुमार सर्वजीत को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना सिर्फ एक पद नहीं, बल्कि राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण संदेश है। कार्यकर्ताओं के अनुसार राजद विधायकों ने जिस भरोसे के साथ सर्वजीत को चुना है, वह गया जिला के लिए गर्व की बात है। इसे उन्होंने सामाजिक और सियासी बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम करार दिया।
कुमार सर्वजीत की राजनीतिक पकड़ अब केवल बोधगया तक सीमित नहीं रही है। पार्टी में उनकी छवि एक शांत, रणनीतिक और जमीन से जुड़े नेता की बन चुकी है। यही वजह है कि तेजस्वी यादव भी उन्हें अपने भरोसेमंद नेताओं में शामिल करते हैं। 2022 में महागठबंधन सरकार बनने पर उन्हें पहले पर्यटन मंत्री और उसके एक महीने बाद कृषि मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। दोनों विभागों में उनके कार्यों की चर्चा पटना से लेकर जिलों तक होती रही है।
मंत्री पद के साथ-साथ राजद ने उनपर राष्ट्रीय स्तर का भरोसा दिखाते हुए उन्हें नगालैंड विधानसभा चुनाव का प्रभारी भी बनाया था। 2025 के चुनाव में वे गया जिले से जीतने वाले एकमात्र दलित चेहरा हैं। मुख्य सचेतक के रूप में कुमार सर्वजीत की भूमिका अब विधानसभा में और भी महत्वपूर्ण होगी। विरोधी दल की आवाज को मजबूती देना और रणनीतिक तालमेल बनाना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी होगी। गया जिले के राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि यह नियुक्ति सर्वजीत की राजनीतिक यात्रा को एक नए मुकाम पर ले जाएगी।
फोन पर बातचीत में कुमार सर्वजीत ने कहा कि यह सब जनता के आशीर्वाद से संभव हुआ है। उन्होंने बताया कि विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की ओर से दो चिट्ठियां जारी होंगी—एक प्रदेश सचिवालय और दूसरी गवर्नर हाउस भेजी जाएगी।
गौरतलब है कि विरोधी दल के मुख्य सचेतक को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होता है। यह फैसला न केवल पदोन्नति का संकेत है, बल्कि राजनीतिक महत्व को भी बढ़ाता है। पार्टियों के सचेतकों को मंत्री-स्तर का दर्जा देना यह दर्शाता है कि उनकी भूमिका केवल विरोध की आवाज उठाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे विधानसभा में रणनीतिक और राजनीतिक रूप से भी अहम जिम्मेदारियाँ संभालते हैं। मुख्य सचेतक के रूप में उन्हें मंत्री-स्तर की प्रतिष्ठा, संसाधन, वेतन, दैनिक भत्ता, आतिथ्य भत्ता तथा यात्रा भत्ता भी मिलता है। इससे विधानसभा में विपक्ष की आवाज और पकड़ दोनों मजबूत होती है।





