बेकार हुई प्याज को लेकर सरकार की सारी कोशिशें, अब लोगों को लगने वाला है एक और झटका

प्याज का दाम कब कम होगा? आम आदमी बस यही जानना चाहता है. लेकिन सरकार बता नहीं पा रही है. अगर सरकार के पास इसका जवाब नहीं है तो फिर आने वाले दिनों में प्याज और महंगा हो जाए तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है.

दरअसल जब से प्याज का भाव 20 रुपये किलो से ऊपर पहुंचा, तभी से सरकार प्याज की दाम पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की बात कर रही है. सबसे पहले भारत में प्याज की उपलब्धता की समीक्षा की गई, उसके बाद भी जब स्थिति नहीं सुधरी तो आनन-फानन में विदेशों से प्याज मंगाने का फैसला लिया गया. साथ ही जमाखोरी के खिलाफ आयकर विभाग के पूरे देश में छापे पड़े.

फिलहाल अगर दिल्ली की बात करें तो सबसे बेहतर क्वालिटी का प्याज 100 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि 80 रुपये किलो सामान्य प्याज का भाव है. अधिकतर लोग मंडियों में प्याज का भाव पूछकर ही आगे बढ़ जा रहे हैं. आम जनता को उम्मीद थी कि सरकार विदेशों से प्याज मंगवा रही हैं, आते ही दाम कम हो जाएंगे. लेकिन अब वह उम्मीद भी टूटती नजर आ रही है.

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पिछले दिनों खुद केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान प्याज के बढ़ते दाम को लेकर लाचार दिखे. उनके बयानों से साफ हो गया है कि प्याज आगे भी रुलाएगा. पासवान ने कहा है कि दुनिया भर में प्याज की कीमतें बढ़ रही है, इसलिए भारत में भी इसका असर दिख रहा है. उन्होंने कहा कि प्याज आयात करने के बावजूद इसकी कीमतें कम नहीं हो पा रही है.

स्टॉक लिमिट पर समीक्षा

इस बीच बुधवार को प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने प्याज पर लगाई गई स्टॉक लिमिट को अगले आदेश तक बढ़ाने का आदेश दिया.

सरकार ने 30 सितंबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई थी जिसके अनुसार, खुदरा कारोबारियों के लिए 100 क्विंटल और थोक कारोबारियों के लिए 500 क्विंटल प्याज रखने की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई थी. इसकी समय सीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही थी, लेकिन अब अगले आदेश तक जारी रहेगी.

क्यों महंगा हुआ प्याज?
पासवान ने कहा कि मानसून में विलंब होने और बाद में बेमौसम बरसात की वजह से देश में प्याज के उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट आई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की ओर से मांग नहीं आने के कारण बफर स्टॉक में रखा काफी प्याज खराब हो गया. मंत्रालय की ओर से बताए आंकड़े के अनुसार, सरकार ने पिछले दिनों बफर स्टॉक से करीब 57,000 टन प्याज बाजार में उतारा.

अब बस एक उम्मीद
हालांकि अभी भी केंद्र सरकार की ओर से तुर्की, हॉलैंड और मिस्र से प्याज मंगाने की कोशिश जारी है. मंत्रालय ने सोमवार को बताया था कि विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने मिस्र से 6,090 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है और प्याज की यह खेप दिसंबर के पहले हफ्ते में आने वाली है.

दिसंबर के पहले हफ्ते मिस्र से आएगा प्याज
मिस्र से प्याज की यह खेप जल्द ही मुंबई के नावा शेवा बंदरगाह पर आ जाएगी जहां से राज्य सरकारें अपनी मांग के अनुरूप प्याज खरीद सकती हैं. गौरतलब है कि पिछले दिनों कैबिनेट की बैठक में कुल 1.2 लाख टन प्याज आयात करने का फैसला लिया गया है.

अफगानी प्याज की बढ़ी आवक
हालांकि इस बीच एक राहत की खबर यह है कि बुधवार को दिल्ली के आजादपुर मंडी में अफगानिस्तानी प्याज की आवक बढ़ी. एक दिन पहले जहां एक ट्रक प्याज दिल्ली में उतरा था वहां बुधवार को 7 ट्रक अफगानिस्तानी प्याज आया.

 

 

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