बीजिंग में भव्य सैन्य परेड का आयोजन, पहली बार दिखे आधुनिक हथियार

बीजिंग में द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ पर चीन ने भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें पहली बार कई आधुनिक हथियारों और मिसाइलों का प्रदर्शन किया गया। परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने सैनिकों ने मार्च किया और दर्जनों देशों के नेता मौजूद रहे।

चीन की राजधानी बीजिंग में मंगलवार को एक भव्य सैन्य परेड का आयोजन किया गया, जिसमें दुनिया के सामने मिसाइलें, लड़ाकू विमान और अन्य सैन्य हथियार दिखाए गए। इनमें से कई हथियारों का पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन किया गया है।

परेड के दौरान सैनिक कदमताल के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सामने से गुजरे। शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के सर्वोच्च नेता हैं और साथ ही केंद्रीय सैन्य आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेना की कमान भी संभालते हैं। यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित की जा रही है। इस आयोजन में करीब दो दर्जन देशों के विदेशी नेता शामिल हो रहे हैं, जो बीजिंग के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना या बनाए रखना चाहते हैं।

चीन के सैन्य अधिकारियों ने बताया कि परेड में दिखाए गए ज्यादातर हथियार पहली बार आम जनता को दिखाए गए। इनमें जमीन, समुद्र और आकाश से चलने वाले रणनीतिक हथियार, आधुनिक और सटीक हमला करने वाले उपकरण और ड्रोन शामिल हैं। आसमान में युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर एक साथ उड़ान भरते नजर आएंगे।

2019 के बाद यह चीन में पहली बड़ी सैन्य परेड है। 2019 में यह परेड सीपीसी की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित की गई थी। इस बार की परेड द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति को याद करने के लिए की जा रही है। इस युद्ध ने चीन को बुरी तरह प्रभावित किया था।

इस परेड का मकसद देश के नागरिकों में गर्व और आत्मविश्वास पैदा करना है और यह दिखाना है कि देश किसी भी हमले से निपटने में सक्षम है। हालांकि, चीन की बढ़ती सैन्य ताकत उसके एशियाई पड़ोसियों और अमेरिका के लिए चिंता का विषय भी बनी हुई है।

अमेरिका और पश्चिमी देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस परेड से दूर हैं। जापान, भारत और दक्षिण कोरिया के नेता भी इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं। उत्तर कोरिया के किम जोंग उन छह साल के बाद चीन में इस तरह के आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं। उनके साथ रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ईरान के राष्ट्रपति भी शामिल हो रहे हैं। दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देशों के नेता भी इसमें शामिल हो रहे हैं। हालांकि, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने देश में विरोध प्रदर्शनों के चलते अपनी यात्रा रद्द कर दी है।

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