बिहार में जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर, चरमराई अस्पतालों की स्वास्थ्य व्यवस्था
पटना। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पीजी में एम्स के छात्रों के नामांकन को लेकर राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने एकजुट होकर मोर्चा खोल दिया है। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने सोमवार की सुबह नौ बजे से मेडिकल कॉलेज में कार्य बहिष्कार की घोषणा की है और अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
मेडिकल कॉलेजों के पीजी छात्रों के साथ-साथ यूजी के छात्रों ने भी कार्य का बहिष्कार किय है। हड़ताल से स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित गुई है। मरीज सरकारी अस्पतालों से पलायन कर रहे हैं।
राजधानी के पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शंकर भारती का कहना है कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम्स के छात्रों का पीजी में नामांकन लिया जा रहा है। यह राज्य के छात्रों के हित में नहीं है। इसलिए राज्य के छात्रों ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। सरकार जब तक उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है, उनका विरोध जारी रहेगा।
एसोसिएशन के नेताओं ने कहा कि इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की गई, लेकिन उन्होंने मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया। अंत में विवश होकर कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है।
राज्य में है लगभग 500 पीजी सीट
विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में लगभग 500 पीजी सीटें हैं, इसमें 50 फीसद केंद्रीय कोटे से भरी जाती हैं। मात्र 50 फीसद सीटों पर राज्य के छात्रों का नामांकन हो पाता है। ऐसे में एम्स के छात्रों को नामांकन देने पर प्रदेश के छात्र पीजी में नामांकन से वंचित हो जाएंगे।
पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन से मांगा डॉक्टर
जूनियर डॉक्टरों एवं छात्रों को सोमवार से कार्य बहिष्कार करने की घोषणा के बाद पीएमसीएच अस्पताल प्रशासन ने पटना के सिविल सर्जन से 50 डॉक्टरों की मांग की है। इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेज दिया है।
पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ.रंजीत कुमार जैमियार का कहना है कि सोमवार की सुबह से 50 डॉक्टर अस्पताल में काम करना शुरू कर देंगे, जिससे जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का मरीजों के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा।